
Nishad Party National Convention. निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद ने गोरखपुर में प्रेसवार्ता कर दिल्ली में आयोजित पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन के सफल आयोजन और आगामी राजनीतिक रणनीति पर विस्तार से बात की। उन्होंने कहा कि यह अधिवेशन निषाद समाज के लिए एक नया मार्गदर्शन साबित हुआ और इसमें समाज के आरक्षण और विकास से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों को जोरदार तरीके से उठाया गया।
संजय निषाद ने अपने भाषण में कहा, मछुआरों की लड़ाई मैंने अकेले शुरू की थी। यह लड़ाई सिर्फ राजनीति नहीं, बल्कि समाज के हक के लिए संघर्ष है। निषाद समाज 2013 से आरक्षण और सामाजिक न्याय के लिए लगातार संघर्ष कर रहा है। दिल्ली में हुए स्थापना दिवस और अधिवेशन में यही मुद्दा प्रमुख रहा।
भाजपा और गठबंधन पर सीधी चेतावनी
प्रेसवार्ता में संजय निषाद ने भाजपा पर भी सीधे निशाना साधा। उन्होंने कहा कि यदि भाजपा को लगता है कि हमसे कोई फायदा नहीं हो रहा, तो गठबंधन तोड़ देना उनका अधिकार है। लेकिन उन्होंने चेताया कि भाजपा को सिर्फ़ सहयोगी दलों पर भरोसा होना चाहिए, क्योंकि इनसे पार्टी को राजनीतिक लाभ मिलता है। संजय निषाद ने साफ कहा, भाजपा को इंपोर्टेड नेताओं से सावधान रहना चाहिए। SP और BSP से आए नेता सहयोगी दलों में घुसकर नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसलिए सहयोगी दलों के प्रति सम्मान और भरोसा बनाये रखना जरूरी है।
राजभर, RLD और निषाद पार्टी पर अपशब्द बंद करने की अपील
संजय निषाद ने सभी राजनीतिक दलों से अपील की कि वे राजभर, RLD और निषाद पार्टी पर अपशब्द कहना बंद करें। उन्होंने कहा कि राजनीतिक विरोधाभास के बीच भी समान सम्मान और शिष्टाचार कायम रहना चाहिए, ताकि उत्तर प्रदेश और देश में स्थिरता बनी रहे।
निषाद पार्टी की रणनीति और आगामी कदम
संजय निषाद ने साफ किया कि निषाद पार्टी समाज के हितों, आरक्षण और राजनीतिक अधिकारों के लिए लगातार संघर्ष करती रहेगी। उन्होंने कहा कि दिल्ली में हुए अधिवेशन में यह संदेश पूरी तरह स्पष्ट हुआ कि निषाद समाज अब राजनीति में अपनी अहम भूमिका निभाने के लिए तैयार है। उनके मुताबिक, सहयोगी दलों के साथ मिलकर काम करना और अपने समाज के हितों की लड़ाई को मजबूती से आगे बढ़ाना पार्टी की प्राथमिकता है।









