खनन क्षेत्र पर नई GST दरों का असर, आवास उद्योग और कुटीर उद्योगों को मिलेगा बड़ा लाभ

खनन मंत्रालय ने कहा है कि हाल ही में लागू नई GST दरें आवास उद्योग और छोटे कुटीर उद्यमों के लिए वरदान साबित होंगी। संशोधित दरों के...

नई दिल्ली: खनन मंत्रालय ने कहा है कि हाल ही में लागू नई GST दरें आवास उद्योग और छोटे कुटीर उद्यमों के लिए वरदान साबित होंगी। संशोधित दरों के तहत कई खनन से जुड़े उत्पादों पर कर 12% से घटाकर 5% कर दिया गया है।

मार्बल और ग्रेनाइट, जो मुख्य रूप से आवास उद्योग में इस्तेमाल होते हैं और राजस्थान, गुजरात व कर्नाटक से निकाले जाते हैं, अब सस्ते होंगे। इससे निर्माण लागत में कमी आएगी और हाउसिंग सेक्टर को गति मिलेगी।

ग्रामीण क्षेत्रों में विशेष रूप से कम लागत वाले आवास पर इसका सकारात्मक असर पड़ेगा। लाइम ब्रिक्स और स्टोन इनले वर्क सस्ते होने से ग्रामीण और निम्न आय वर्ग के परिवारों के लिए घर बनाना आसान होगा। साथ ही, पीतल के केरोसिन प्रेशर स्टोव जैसे बुनियादी कुकिंग टूल्स की कीमत भी घटेगी।

इसके अलावा, पीतल, तांबे और एल्युमिनियम से बने हस्तशिल्प उत्पादों पर भी GST दर कम हुई है, जिससे कारीगरों और छोटे उद्यमों को राहत मिलेगी।

खनन मंत्रालय ने यह भी कहा कि भारत के भीतर मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट ऑफ गुड्स पर GST दर 12% से घटाकर 5% (सीमित क्रेडिट के साथ) कर दी गई है। इससे खासतौर पर आयरन ओर जैसे खनिजों के लंबी दूरी तक परिवहन की लागत घटेगी।

नई दरें 22 सितंबर से प्रभावी होंगी, जिनमें अधिकतर वस्तुओं और सेवाओं पर 5% और 18% GST लागू होगा, जबकि अति-लक्ज़री और तंबाकू उत्पादों पर 40% दर लागू की जाएगी।

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