तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को निरस्त करने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा पर मिली-जुली प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। एक तरफ जहां प्रियंका गांधी ने शनिवार को प्रधानमंत्री मोदी को खत लिखकर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा ‘टेनी’ के साथ मंच सांझा ना करने का आग्रह किया वहीं दूसरी तरह भाजपा सांसद वरुण गांधी ने भी पीएम को एक खत लिखा है।
शनिवार को पीएम मोदी को सम्बोधित पत्र में वरुण गांधी ने लिखा,”आपने बड़ा दिल दिखाते हुए इन कानूनों को निरस्त करने की जो घोषणा की है उसके लिए मैं आपको साधुवाद देता हूँ। पिछले एक साल में अत्यंत कठिन परिस्थितियों में धरना देते हुए इस आंदोलन में सात सौ से ज्यादा किसान भाइयों की शहादत भी हो चुकी है। मेरा मानना है कि यह निर्णय यदि पहले ही ले लिया जाता तो इतनी बड़ी जनहानि नहीं होती।”
पत्र के अगले हिस्से में पीलीभीत से भाजपा संसद वरुण गांधी ने लिखा,”हमारे देश में 85 प्रतिशत से ज्यादा छोटे, लघु और सीमांत किसान हैं। हमें इन किसानों के सशक्तिकरण के लिए इनको फसलों का लाभकारी मूल्य दिलाना सुनिश्चित करना होगा। यह आंदोलन इस मांग के निस्तारण के बिना समाप्त नहीं होगा और किसानों में एक व्यापक रोष बना रहेगा जो किसी न किसी रूप में सामने आता रहेगा। अतः किसानों को फसलों की एमएसपी की वैधानिक गारंटी मिलना अत्यंत आवश्यक है।”
वरुण गांधी ने चिट्ठी में आगे लिखा कि वरिष्ठ पदों पर बैठे कई नेताओं ने आंदोलनरत किसानों को लेकर बहुत ही व्यथित करने वाले बयान दिए हैं। इन बयानों और किसान आंदोलन के प्रति अब तक अपनाए गए उपेक्षापूर्ण रवैये का ही नतीजा है कि तीन अक्टूबर को लखीमपुर खीरी में पांच किसान भाइयों की गाड़ियों से कुचलकर निर्मम हत्या कर दी गई। यह हृदयविदारक घटना हमारे लोकतंत्र पर एक काले धब्बे के समान है। मेरा आपसे निवेदन है कि इस घटना में निष्पक्ष जांच एवं न्याय हेतु इसमें लिप्त एक कैंद्रीय॑ मंत्री पर भी सख्त कार्यवाही होनी चाहिए।”