विधानसभा मे बैक डोर से लगी नेताओं के रिश्तेदारों की नौकारियों पर मचा हड़कंप, राजनैतिक पार्टियां आमने सामने

विधानसभा मे बैक डोर से लगी नेताओं के रिश्तेदारों की नौकारियों पर हो रहें खुलासे के बाद राजनैतिक हलको मे हड़कंप मचा हैं। बीजेपी और कांग्रेस एक दूसरे क़ो कसूरवर बता रहें हैं। कांग्रेस की प्रदेश मीडिया प्रभारी गरिमा महारा दसोनी ने आरोप लगाया की विधानसभा मे जिस तरह से भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस को तार-तार किया गया है, उसकी जाँच होनी चाहिए।

विधानसभा मे बैक डोर से लगी नेताओं के रिश्तेदारों की नौकारियों पर हो रहें खुलासे के बाद राजनैतिक हलको मे हड़कंप मचा हैं। बीजेपी और कांग्रेस एक दूसरे क़ो कसूरवर बता रहें हैं। कांग्रेस की प्रदेश मीडिया प्रभारी गरिमा महारा दसोनी ने आरोप लगाया की विधानसभा मे जिस तरह से भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस को तार-तार किया गया है, उसकी जाँच होनी चाहिए।

वहीं बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता विनय गोयल के अनुसार कांग्रेस सरकार मे किस तरह से भ्रष्टाचार करके विधानसभा में भर्तियां की गई थी वह सबको पता है। उनके अनुसार बीजेपी सरकार में नियमों के अनुसार ही भर्तियां की गई है।

बैक डोर से तमाम नियुक्तियां हुई लेकिन पिछले 2 साल मे जो कोरोना मे विधानसभा जिन कर्मचारियों की मौत हुई उनके परिजन आज भी मृतक आश्रित मे नौकरी पाने की आस मे भटक रहें हैं। कोरोना मे शाकिर खान रक्षक, मीनू पाल परिचायक, दिनेश मंन्द्रवाल समीक्षा अधिकारी और पंकज महर रिपोर्टर इनकी मौत कोरोना काल मे हो गई थी।  देखिए मृतक आश्रितो क़ो अभी तक नौकरी नहीं हैं लेकिन नेताओं के करीबियों क़ो जमकर नौकरिया बांटी गई।

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