रिपोर्ट – अवैस उस्मानी
मनी लांड्रिंग मामले में सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति की ज़मानत याचिका पर सुनवाई से इनकार किया। सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस के एम जोज़फ़ की बेंच ने डिफाल्ट बेल के लिए गायत्री प्रजापति को हाई कोर्ट में याचिका दाखिल करने को कहा। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट से गायत्री प्रजापति की याचिका पर तेज़ी से सुनवाई करने को कहा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्रजापति के पास भी हाई कोर्ट में उपयुक्त रैमेडी बची हुई है।
दरअसल लखनऊ की स्पेशल कोर्ट ने गायत्री प्रजापति की ज़मानत याचिका खारिज कर दिया था और मनी लांड्रिंग मामले में ईडी की हिरासत में भेज दिया था। गायत्री प्रजापति का कहना था कि आठ फरवरी 2021 को मनी लांड्रिंग के इस मामले में गायत्री को न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया था।
आपको बता दे कि 26 अक्टूबर 2020 को विजिलेंस ने गायत्री के खिलाफ आय से अधिक संपति का मामला दर्ज किया था। 14 जनवरी 2021 को इसी आधार पर ईडी ने भी जांच शुरू की। प्रारंभिक जांच में पता चला था कि बतौर खनन मंत्री गायत्री ने आय से अधिक संपति अर्जित की। गायत्री प्रजापति का कहना था कि ईडी ने 60 दिन की निर्धारित अवधि में आरोप पत्र दाखिल नहीं किया है।