वाराणसी। उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियां तेज हो गई हैं। दो दिवसीय दौरे पर यूपी आए केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह का आज दूसरा दिन है। इसी कड़ी में गृहमंत्री अमित शाह ने काशी में आयोजित राजभाषा सम्मेलन में शिरकत की और संबोधित किया। इस दौरान अमित शाह ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि हमें गुजराती से ज्यादा हिंदी पसंद है। हमें राष्ट्रभाषा को सशक्त बनाने की आवश्यकता है।
वाराणसी में ट्रेड फैसिलिटी सेंटर में आयोजित राजभाषा सम्मेलन को संबोधित करते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने कहा काशी भाषा के उपासकों का रहा है। यहां विद्या प्राप्त करने के लिए दुनियाभर से लोग आते हैं। आजादी के अमृत महोत्सव के तहत अखिल भारतीय राजभाषा सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। आज संकल्प लेने का वक्त है, जब आजादी के 100 साल होंगे तो हमारी हिंदी भाषा का गौरव कहां होगा। अमित शाह ने जिक्र किया कि भारत को स्वराज तो मिल गया स्वभाषा (हिंदी) पीछे छूट गई है। हमें हिंदी को सशक्त बनाना होगा।
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा हिंदी सभी स्थानीय भाषाओं की सखी-सहेली है। हिंदी को मजबूत करने के लिए संकल्प लें। काशी भाषा का गोमुख है और हिंदी और स्थानीय भाषा में कोई विवाद नहीं हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने हिंदी को वैश्विक मंच पर पहुंचाने का काम किया है। हमारी सरकार की कोशिश है कि हिंदी को जन-जन की भाषा बनाई जाए। इस लक्ष्य में हमें सफलता भी मिल रही है।