साल 2025 में भारत में सुधार प्रक्रिया में तेजी, कई क्षेत्रों में बड़े बदलाव

उपनिवेशी धरोहर के कारण जो डर और असुरक्षा व्याप्त थी, वह अब विश्वास और निवेश के अनुकूल वातावरण में बदल रही है। मोदी 3.0 सरकार में, जहां स्टार्टअप्स के क्षेत्र में विशेष तेजी से प्रगति हो रही है, निवेशकों का भारत में आना बढ़ा है।

कराधान, वक्फ कानून और व्यापार नियमों में सुधार
2025 से 2029 तक भारत में कई क्षेत्रों में सुधार प्रक्रिया तेज़ होने की उम्मीद है। कर संरचना में बड़े बदलावों पर चर्चा हो रही है, ताकि करों का बोझ हल्का किया जा सके और नियामक आवश्यकताओं को सरल बनाया जा सके। उदाहरण के तौर पर, वक्फ एक्ट जैसे पुराने कानूनों में सुधार की आवश्यकता है, जो एक धर्मनिरपेक्ष समाज में प्रासंगिक नहीं माने जाते हैं। वक्फ एक्ट को भारतीय संविधान के खिलाफ भी माना जा सकता है। इसके अलावा, यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) की अनुपस्थिति भी सुधार के लिए प्राथमिकता में है।

क़ानूनी सुधार और उपनिवेशी युग की धरोहर को समाप्त करना
व्यवसाय से संबंधित नियमों में भी बदलाव हो रहे हैं, ताकि उपनिवेशी युग की अत्यधिक आपराधिकता को समाप्त किया जा सके, जो भारत में मानक व्यवसाय प्रथाओं को भी अपराध के रूप में मानता था। यह बदलाव विशेष रूप से अमेरिकी जैसे उन्नत लोकतंत्रों में सामान्य प्रथाओं के अनुरूप हैं। जब यूपीए सरकार उपनिवेशी धरोहर को बढ़ा रही थी, तब यह चेतावनी दी गई थी कि इस प्रकार के रुढ़िवादी आदेश अंततः उन पर विपरीत प्रभाव डाल सकते हैं, जो इन्हें लागू करते हैं। कोई भी राजनीतिक पार्टी लोकतंत्र में हमेशा सत्ता में नहीं रहती, और जब सत्ता बदलती है, तो वे जो कठोर कानून और दंड लागू करते हैं, उनका सामना कर सकते हैं।

नरेन्द्र मोदी की सरकार में प्रगति और निवेश के लिए अनुकूल वातावरण
प्रधानमंत्री मोदी ने कई उपनिवेशी कानूनों को समाप्त किया है और कई गतिविधियों को अपराधमुक्त किया है। ऐसे प्रगतिशील बदलावों का सिलसिला जारी रहेगा। उपनिवेशी धरोहर के कारण जो डर और असुरक्षा व्याप्त थी, वह अब विश्वास और निवेश के अनुकूल वातावरण में बदल रही है। मोदी 3.0 सरकार में, जहां स्टार्टअप्स के क्षेत्र में विशेष तेजी से प्रगति हो रही है, निवेशकों का भारत में आना बढ़ा है।

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