कानपुर रजिस्ट्री कार्यालय में आयकर विभाग का सर्वे, 2500 करोड़ के फर्जीवाड़े का खुलासा

कानपुर रजिस्ट्री विभाग के जोन बन स्थित रजिस्ट्री कार्यालय में शुक्रवार को आयकर विभाग ने बड़ा सर्वे किया, जिसके दौरान एक बड़े फर्जीवाड़े का पर्दाफाश ...

कानपुर रजिस्ट्री विभाग के जोन वन स्थित रजिस्ट्री कार्यालय में शुक्रवार को आयकर विभाग ने बड़ा सर्वे किया, जिसके दौरान एक बड़े फर्जीवाड़े का पर्दाफाश हुआ है। सिविल लाइंस स्थित इस कार्यालय में करीब छह घंटे की जांच में आयकर विभाग को 2500 करोड़ रुपये की विसंगतियों के साक्ष्य मिले हैं। इस फर्जीवाड़े के कारण आयकर विभाग को लगभग 500 करोड़ रुपये के टैक्स का नुकसान हुआ है। विभाग ने इस मामले में संबंधित अधिकारियों को 10 दिन का समय दिया है, जिसमें उन्हें सभी कागजात प्रस्तुत करने को कहा गया है।

आयकर निदेशक (सूचना एवं आपराधिक अन्वेषण) के निर्देश पर रजिस्ट्री कार्यालय के जोन बन में सहायक निदेशक विमलेश राय के नेतृत्व में इस सर्वे की कार्रवाई की गई। इस टीम में आयकर निरीक्षक कुलदीप गुप्ता, बिनोट केशरी, राजेंद्र कुमार और अंकित श्रीवास्तव शामिल थे, जिनके साथ भारी पुलिस बल भी तैनात रहा। इस दौरान टीम ने वर्ष 2020 से 2025 तक की संपत्तियों की रजिस्ट्री की जांच की।

सर्वे के दौरान वर्ष 2020-2022 के रजिस्ट्री दस्तावेजों में कई गंभीर गड़बड़ियां सामने आईं। रजिस्ट्री विभाग की ओर से आयकर विभाग को भेजे गए डेटा और वास्तविक रजिस्ट्रेशन रिकॉर्ड के बीच मेल नहीं था। सूत्रों के अनुसार, यह फर्जीवाड़ा पिछले पांच साल से जारी था, जिसमें 2020 से 2022 के बीच संपत्तियों की रजिस्ट्री में बड़े पैमाने पर धांधली की गई थी। करोड़ों रुपये की संपत्तियों को खेती-किसानी की श्रेणी में दिखाकर फार्म 60 का लाभ दिलवाया गया।

इसके अलावा, आयकर सर्वे के दौरान यह भी सामने आया कि कई रजिस्ट्री में पैन कार्ड के नंबरों में मनमानी की गई। कई मामलों में पैन कार्ड का नंबर मनमर्जी से लिखा गया था, और कुछ रजिस्ट्री में मोबाइल नंबर तक गलत दिए गए थे। इस मामले में अभी कई दस्तावेजों की जांच जारी है।

वहीं, आयकर विभाग ने अलीगढ़ में सब रजिस्ट्रार के दफ्तर में भी सर्वे किया, जहां बैनामे की जानकारी में पैन कार्ड की विसंगतियां मिलीं। इन बैनामों के पैन कार्ड आयकर विभाग के रिकॉर्ड से मेल नहीं खा रहे थे। इससे पहले सासनी में भी आयकर विभाग ने सर्वे किया था।

इस जांच के बाद आयकर विभाग ने रजिस्ट्री विभाग में मौजूद इस बड़े फर्जीवाड़े की ओर इशारा किया है, और अधिकारियों को कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है।

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