गैलेंट ग्रुप पर इनकम टैक्स छापा पूरा, IT टीम को करीब 700 करोड़ के टैक्स चोरी का अनुमान…

शेल कंपनियां वास्तव में एक निष्क्रिय कंपनी होती है जिसे विभिन्न वित्तीय पैंतरेबाज़ी के लिए एक वाहक के रूप में इस्तेमाल किया जाता है. इसके अलावा इन कंपनियों को किसी अन्य वित्तीय हेरफेर के लिए भविष्य में उपयोग के लिए निष्क्रिय रखा जाता है.

सोमवार को गैलेंट ग्रुप पर चल रहा आयकर विभाग का छापा पूरा हो गया. इस छापे के बाद आयकर विभाग की टीम ने कई बड़े खुलासे किए. शुरूआती जांच में आयकर विभाग ने तकरीबन 700 करोड़ के टैक्स चोरी का अनुमान लगाया है. जांच में आयकर विभाग ने पाया कि ग्रुप के पास कोलकाता की कई शेल कंपनियां भी हैं.

शेल कंपनियां वास्तव में एक निष्क्रिय कंपनी होती है जिसे विभिन्न वित्तीय पैंतरेबाज़ी के लिए एक वाहक के रूप में इस्तेमाल किया जाता है. इसके अलावा इन कंपनियों को किसी अन्य वित्तीय हेरफेर के लिए भविष्य में उपयोग के लिए निष्क्रिय रखा जाता है. इन्हीं शेल कंपनियों में गैलेंट ग्रुप के डमी डायरेक्टर्स भी नियुक्त हैं.

डमी डायरेक्टर निदेशक मंडल का एक वोटिंग सदस्य होता है, लेकिन वह किसी अन्य गैर-बोर्ड संस्था की ओर से कार्य करता है. गैलेंट ग्रुप पर छापे में आयकर विभाग को बेनामी प्रॉपर्टी और नगद लेनदेन के भी सबूत मिलने के भी अनुमान हैं. इसके अलावा करीब 2 दर्जन सीनियर अधिकारियों के दस्तावेज, IAS अफसरों की व्हाट्सएप चैट और ब्लैकमनी भी इनकम टैक्स के हाथों लगने की भी सूचना है.

यह भी कहा जा रहा है कि गैलेंट ग्रुप में 2 सीनियर अफसरों के काफी बड़ा लेनदेन है. वहीं आयकर टीम की पूछताछ में गैलेंट ग्रुप के चेयरमैन सीपी अग्रवाल ने बयान में कहा उन्हें कुछ याद नहीं. इनकम टैक्स को दिए बयान में अग्रवाल ने सभी आरोपों को सिरे से नकार दिया है. बता दें कि पिछले कुछ दिनों से आयकर विभाग की टीम ने गुजरात, यूपी से लेकर कोलकाता तक ग्रुप के 69 ठिकानों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की थी जो सोमवार को पूरी हो गई.

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