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ऑटो एक्सपोर्ट में भारत ने तोड़े सारे रिकॉर्ड! Q1 में 22% की ऐतिहासिक बढ़त

अप्रैल-जून तिमाही में भारत के ऑटोमोबाइल निर्यात में 22% की तेज़ बढ़ोतरी हुई है। मारुति सुजुकी और ह्युंडई जैसे ब्रांड्स का योगदान प्रमुख रहा।

India Automobile Exports: वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में भारत के ऑटोमोबाइल निर्यात में 22% की वृद्धि दर्ज की गई है। सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (SIAM) के ताज़ा आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल से जून 2024 के बीच देश ने कुल 14.57 लाख वाहन विदेशों में निर्यात किए, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह आंकड़ा 11.92 लाख था।

किस श्रेणी में कितना निर्यात

  • पैसेंजर वाहन (Passenger Vehicles): 2,04,330 यूनिट्स (13% की वृद्धि)
  • दोपहिया वाहन (Two-Wheelers): 11,36,942 यूनिट्स (23% की वृद्धि)
  • तिपहिया वाहन (Three-Wheelers): 95,796 यूनिट्स (34% की वृद्धि)
  • व्यावसायिक वाहन (Commercial Vehicles): 19,427 यूनिट्स (23% की वृद्धि)

प्रमुख योगदानकर्ताओं में कौन आगे?

  • मारुति सुजुकी ने सबसे ज़्यादा 96,181 यात्री वाहन निर्यात किए, जो पिछले साल की तुलना में 37% अधिक है।
  • ह्युंडई मोटर इंडिया ने 48,140 यूनिट्स का निर्यात किया, जिसमें 13% की वृद्धि देखी गई।
  • किया इंडिया, निसान, और टाटा मोटर्स जैसे ब्रांड्स ने भी निर्यात में अहम योगदान दिया।

निर्यात के लिए प्रमुख बाजार

मध्य पूर्व, अफ्रीका, लैटिन अमेरिका, नेपाल, श्रीलंका और कुछ यूरोपीय देशों में भारतीय वाहनों की मांग तेजी से बढ़ रही है।

SIAM का कहना है कि मेक इन इंडिया और एफटीए (Free Trade Agreements) के तहत निर्यात को बढ़ावा मिल रहा है। साथ ही, भारत के वाहनों की गुणवत्ता और प्रतिस्पर्धी मूल्य भी अंतरराष्ट्रीय बाजारों में इन्हें लोकप्रिय बना रहे हैं।

भारत का ऑटोमोबाइल उद्योग वैश्विक स्तर पर मजबूती से उभर रहा है। निर्यात में लगातार हो रही वृद्धि न केवल विदेशी मुद्रा भंडार को मज़बूती देगी, बल्कि देश में रोज़गार के नए अवसर भी पैदा करेगी।

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