India China Relations 2025 : SCO समिट में शी जिनपिंग से हुई अहम मुलाकात, व्यापार और सीमा विवाद पर मंथन

Modi Xi Jinping Meeting. भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई सालों बाद चीन दौरे पर पहुंचे हैं। यहां वे शंघाई सहयोग संगठन (SCO) समिट में हिस्सा ले रहे हैं। इस समिट की सबसे बड़ी हाइलाइट है प्रधानमंत्री मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की अहम मुलाकात।

विशेषज्ञों का मानना है कि यह मुलाकात काफ़ी निर्णायक हो सकती है, खासकर तब जब अमेरिका के साथ भारत के रिश्ते इस समय तनावपूर्ण बने हुए हैं। चीन ने भी हाल में नरमी दिखाई है और टैरिफ विवादों में भारत के पक्ष का समर्थन किया है।

मोदी-शी की पिछली मुलाकात और तुलना

प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग की पिछली मुलाकात अक्टूबर 2024 में रूसी शहर कज़ान में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान हुई थी। उस समय भी सीमा विवाद और व्यापार संबंधों पर चर्चा हुई थी।

तिआजिन में अहम बैठक

प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच तिआजिन में बैठक शुरू हो चुकी थी और लगभग 40 मिनट तक चली। बैठक में सीमा प्रबंधन, व्यापार संबंधों और मानसरोवर यात्रा सहित कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई।

प्रधानमंत्री मोदी ने बैठक में कहा आपसी विश्वास किसी भी रिश्ते का आधार हो सकता है। हम चाहते हैं कि रिश्ते मजबूत हों, सहयोग अधिक हो, और इसके लिए भारत पूरी तरह प्रतिबद्ध है।

चीनी राष्ट्रपति का दृष्टिकोण

राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा भारत और चीन दो बड़ी शक्तियां हैं, दोनों देशों की संस्कृति कई साल पुरानी है। दोनों पूर्व की प्राचीन सभ्यताएँ हैं। हम दुनिया के दो सबसे अधिक आबादी वाले देश हैं, और ग्लोबल साउथ के भी महत्वपूर्ण सदस्य हैं। उन्होंने आगे कहा दोनों देशों के लिए सही विकल्प है कि हम अच्छे पड़ोसी और सौहार्दपूर्ण साझेदार बनें। हमें एक-दूसरे की सफलता में सहायक होना चाहिए। ड्रैगन और हाथी एक साथ आएँ।

बैठक के उद्देश्य और महत्व

इस मुलाकात का मुख्य उद्देश्य सीमा विवादों का प्रबंधन, व्यापार और आर्थिक सहयोग को बढ़ाना और दोनों देशों के बीच विश्वास और मित्रता का मजबूत आधार तैयार करना था। विशेषज्ञों का मानना है कि इस बैठक के बाद भारत और चीन के राजनीतिक और आर्थिक रिश्ते में स्थिरता और सहयोग की नई दिशा देखने को मिल सकती है।

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