
नई दिल्ली: अमेरिका द्वारा स्टील और एल्यूमिनियम पर अतिरिक्त टैरिफ (25%) लगाने के बावजूद भारत से इंजीनियरिंग उत्पादों का निर्यात मई 2025 में 4.6% बढ़कर $1.75 बिलियन पहुंच गया। अप्रैल-मई की अवधि में यह वृद्धि 10.4% रही और कुल निर्यात $3.39 बिलियन रहा, जो इस क्षेत्र की मजबूत प्रतिस्पर्धात्मकता और मांग को दर्शाता है।
Engineering Export Promotion Council (EEPC) के अनुसार, कुल इंजीनियरिंग निर्यात मई में हल्की गिरावट के साथ $9.89 बिलियन रहा लेकिन अप्रैल-मई के आंकड़े 4.77% की वृद्धि के साथ $19.40 बिलियन तक पहुंचे।
स्टील, एल्यूमिनियम और मशीनरी में शानदार ग्रोथ
- स्टील और एल्यूमिनियम उत्पादों का अमेरिका को निर्यात अप्रैल-मई में 170% बढ़कर $158.4 मिलियन पहुंचा।
- लोहे और स्टील के उत्पाद: +10% ($518.9 मिलियन)
- औद्योगिक मशीनरी: +17% ($774.1 मिलियन)
- इलेक्ट्रिकल मशीनरी: +10% ($500.8 मिलियन)
- ऑटो पार्ट्स और टायर्स: $394.7 मिलियन (स्थिर)
50% टैरिफ और 26% रेसिप्रोकल टैक्स से पहले बढ़ी डिमांड
जुलाई 9 से अमेरिका द्वारा 50% टैरिफ और भारत पर 26% रेसिप्रोकल टैरिफ की आशंका को देखते हुए खरीदार स्टॉक बढ़ा रहे हैं, जिससे निर्यात में तेजी बनी हुई है।
पिछले वित्त वर्ष में अमेरिका को कुल $20 बिलियन के इंजीनियरिंग निर्यात में $5 बिलियन स्टील और एल्यूमिनियम, और $2.5 बिलियन ऑटो पार्ट्स के थे।
वेस्ट एशिया में भारी गिरावट
भू-राजनीतिक तनाव और लॉजिस्टिक्स संकट के चलते UAE, सऊदी अरब और तुर्की जैसे प्रमुख बाजारों में निर्यात बुरी तरह प्रभावित हुआ:
- UAE: -15.8% ($683.38 मिलियन)
- सऊदी अरब: -42.6% ($337.1 मिलियन)
- तुर्की: -61.5% ($176.2 मिलियन)
EEPC अध्यक्ष पंकज चड्ढा ने बताया कि एयरक्राफ्ट, स्पेसक्राफ्ट और फ्लोटिंग स्ट्रक्चर जैसे उत्पादों के निर्यात में भारी गिरावट ने भी समग्र निर्यात को प्रभावित किया।
- एयरक्राफ्ट और पार्ट्स: -85%
- जहाज और स्ट्रक्चर: -25%
क्षेत्रीय आंकड़े: कौन रहा आगे?
- नॉर्थ अमेरिका: 21.3% हिस्सेदारी
- यूरोपीय संघ (EU): 17.7%
- वेस्ट एशिया और नॉर्थ अफ्रीका: 14.3%









