पहले भी बांग्लादेश छोड़ चुकी हैं शेख हसीना, तब भी भारत ने की थी मदद, रहने के लिए दिया था शरण

बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान की हत्या के 15 दिन पहले शेख हसीना बांग्लादेश को छोड़कर विदेश के लिए रवाना हो गई थी। उस दौरान वह अपने पति एमए वाजेद मिया के पास जर्मनी चली गई थी।

बांग्लादेश में एक अभूतपूर्व संकट के मुहाने पर खड़ा है। हिंसक प्रदर्शन के बीच शेख हसीना ने प्रधानमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया है। साथ ही सैन्य हेलीकॉप्टर की मदद से देश को छोड़कर भाग गई हैं। इसी बीच सेना प्रमुख ने जल्द ही अंतरिम सरकार के गठन का ऐलान कर दिया है। हालांकि यह कोई पहली बार नहीं है जब शेख हसीना को बांग्लादेश छोड़कर दूसरे देशों में शरण लेना पड़ रहा है। इससे पहले साल 1975 में उन्हें अपना देश छोड़ना पड़ा था। उस दौरान शेख हसीना को भारत ने शरण दिया था।

पिता की हत्या के समय छोड़ी थीं बांग्लादेश

साल 1971 में बांग्लादेश को आजादी मिलने के बाद प्रधानमंत्री शेख मुजीबुर रहमान प्रधानमंत्री बने थे। लेकिन 1975 में सेना ने उनके खिलाफ विद्रोह कर दिया था। जिसके बाद 15 अगस्त 1975 को परिवार के 18 लोगों समेत सैन्य अधिकारियों ने शेख मुजीबुर रहमान की हत्या कर दी थी। इसके बाद से बांग्लादेश में कई सालों तक सेना का शासन चल रहा था। इसी दौरान मुजीबुर रहमान की बेटी शेख हसीना को बांग्लादेश छोड़ना पड़ गया था।

15 दिन पहले छोड़ी थी बांग्लादेश

बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान की हत्या के 15 दिन पहले शेख हसीना बांग्लादेश को छोड़कर विदेश के लिए रवाना हो गई थी। उस दौरान वह अपने पति एमए वाजेद मिया के पास जर्मनी चली गई थी। आपको बता दें उनके पति परमाणु वैज्ञानिक थे, जोकि PHD के बाद शोध कर रहे थे। जर्मनी में ही उन्हें अपने परिवार की हत्या की जानकारी मिली थी।

भारत ने दिया था शरण

तत्कालीन इंदिरा गांधी सरकार ने शेख हसीना की सुरक्षा के साथ आश्रय देने का वादा किया था। जिसके बाद वह अपने परिवार के साथ भारत पहुंची थी। भारत की तरफ से उनकी सुरक्षा के लिए कड़े इंतजाम किए गए थे। इस दौरान वह लगभग 6 साल रहने के बाद साल 1981 में बांग्लादेश वापस गई थी।

Related Articles

Back to top button