
21 वीं सदी भले ही भारत की हो लेकिन आज का ये दौर ऐसा है कि भारत के सारे पड़ोसी मित्रवत नहीं यही वजह है की हमें अपनी सारी सीमाओं को सुरक्षित करने के लिए। सैन्य उपकरणों और लॉजिस्टिक्स को अपडेट रखना होता है। जिसके लिए भारत अलग-अलग वेपन सिस्टम्स इम्पोर्ट भी करता है, साथ ही आज की डेट में हम वेपन सिस्टम को लेकर सेल्फ रिलाएंट भी बन चुके हैं।
चलिए इसी कड़ी में आज आपको भारत के कुछ एक मेन और बेहतरीन वेपन सिस्टम के बारे में बात करते हैं-
ब्रह्मोस मिसाइल सिस्टम
रूस के साथ मिलकर भारत में ही वकिसित की गई ये मिसाइल लैंड टू एयर, एयर टू एयर और सर्फेस टू सर्फेस मिसाइल है। इसे रेंज, क्षमता और मारक क्षमता के आधार पर बदलाव किए गए हैं। इसे भारतीय नौसेना समेत दूसरे अंगो में भी शामिल किया गया है। भारत में बना ये वेपन सिस्टम भारत का मेन वेपन सिस्टम है। ब्रह्मोस के मामले में
रैम्पेज मिसाइल
इसी कड़ी में इजराइल की रैम्पेज मिसाइल भी आती है। जिसे इंडियन एयरफोर्स के लड़ाकू विमान के बेड़े में शामिल कर लिया गया है। इंडियन एयरफोर्स इस मिसाइल को अपने जंगी बेड़े में शामिल करके अपनी सक्षमता को और ज्यादा मजबूत बनाया है।
उग्रम राइफल
पिछले कुछ सालों से सेना कई मामलों में हथियारों का प्रॉक्यूरमेंट काफी तेजी से कर रही है। जिसमें सबसे बड़ा मुद्दा तो राइफल का था। हाल ही में भारतीय सेना ने फास्ट ट्रैक प्रॉसेस के थ्रू कई राइफलों को शामिल किया है। INSAS की ही तरह सेना ने उग्रम राइफलों को शामिल किया है। जिनमें 5.56 mm की जगह 7.62 mm की बुलेट्स इस्तेमाल की जाती हैं। बता दें इसकी रेंज 500 m तक है। इसका वेट भी पुरानी INSAS से काफी कम महज 4 kg है। जो इसे अपने सेगमेंट में सबसे हल्की राइफलों में से एक बनाता है।
तेजस मार्क 1 और 1 A
भारत में विकसित किया गया फाइटर जेट तेजस भारत में बना सबसे पहला मल्टीरोल फाइटर जेट है। फिलहाल इसके दो वेरिएंट हैं तेजस मार्क 1 और 1 a आपको बता दें स्वदेश निर्मित ये फाइटर जेट। दुनिया के कुछ उच्चतम फाइटर जेट्स में शुमार है। आपको बता दें इसका एक और वैरियंट भी है, जो इसके पुराने वैरियेंट से वजन में भी हल्का है। बता दें भारतीय वायुसेना में फिलहाल 42 स्क्वाड्रन की जरूरत है और 30 स्क्वाड्रन ही हैं।









