भारतीय वायु सेना को आने वाले दो महीनों में लंबी दूरी के हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलों से लैस शेष राफेल लड़ाकू विमान मिलने वाले हैं। सभी छह राफेल लड़ाकू विमान फ्रीक्वेंसी जैमर (Frequency Jammer) और उन्नत संचार प्रणाली से युक्त हैं जो पांचवी पीढ़ी कि अत्याधुनिक सैन्य तकनिकी से निर्मित हुए हैं।
वायु सेना के अधिकारियों के अनुसार, फ्रांस के उत्तर-पश्चिम me स्थित मार्सिले के आईस्ट्रेस हवाई अड्डे से 6 राफेल लड़ाकू विमानों में से 3 लड़ाकू विमान दिसंबर में उड़ान भरकर भारत पहुंचेंगे हैं। शेष 3 राफेल लड़ाकू विमान जनवरी 2022 में भारत आने वाले हैं जो अंबाला हवाई अड्डे पर लैंड करेंगे। आईस्ट्रेस एयर बेस, राफेल लड़ाकू विमानों पर भारत के सैन्य जरूरतों के मुताबिक रक्षा प्रणाली स्थापित करने के लिए निर्माता डसॉल्ट एविएशन के लिए टेस्ट बेड सुविधाओं से लैस है।
यह समझा जाता है कि एक बार भारत के सैन्य जरूरतों के मुताबिक क्षमता बढाए जा सकने वाले सैन्य औजारों से लैस राफेल लड़ाकू विमानों को आपात परिस्थितियों में परीक्षण किए जाने के बाद, आने वाले वर्ष में 30 राफेल के मौजूदा बेड़े को उसी वृद्धि के साथ फिर से प्रयोग में लाया जा सकेगा। राफेल दो मोर्चे के खतरे से निपटने के लिए अंबाला में और पूर्वी क्षेत्र में हाशिमारा में किसी भी आपात स्थिति का जवाब देने के लिए तैनात किया जायेगा।