
Bloomberg Philanthropies Award 2025: भारत ने एक बार फिर वैश्विक मंच पर अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई है। तंबाकू नियंत्रण के क्षेत्र में किए गए प्रभावी प्रयासों के लिए भारत को Bloomberg Philanthropies Awards for Global Tobacco Control 2025 से सम्मानित किया गया है।
यह पुरस्कार डबलिन, आयरलैंड में आयोजित विश्व तंबाकू नियंत्रण सम्मेलन में भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के नेशनल टोबैको कंट्रोल सेल (National Tobacco Control Cell) को प्रदान किया गया।
भारत को यह अवॉर्ड विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की MPOWER नीति के “O” कैटेगरी के तहत मिला है, जिसका मतलब है – “लोगों को तंबाकू छोड़ने में मदद देना” (Offer help to quit tobacco use)।
भारत में तंबाकू छोड़ने की पहल कैसे काम कर रही है?
भारत में पिछले कुछ वर्षों में तंबाकू मुक्ति के लिए कई ठोस कदम उठाए गए हैं, जिनमें प्रमुख हैं=…..
- राष्ट्रीय हेल्पलाइन: देश में चार जगहों पर नेशनल क्विटलाइन सेंटर बनाए गए हैं — बेंगलुरु, दिल्ली, मुंबई और गुवाहाटी। इन हेल्पलाइनों पर हर महीने लगभग 50,000 लोग कॉल करते हैं।
- मुफ्त इलाज की सुविधा: तंबाकू छोड़ने की सेवा 675 जिला अस्पतालों, 607 NCD क्लीनिकों, और सैकड़ों मेडिकल/डेंटल कॉलेजों में मुफ्त में उपलब्ध है।
- कम्युनिटी स्तर पर प्रयास: आयुष्मान आरोग्य मंदिर, टेली-मानस, और ‘तंबाकू मुक्त युवा अभियान’ जैसी योजनाएँ लोगों को जागरूक करने और सही समय पर मदद देने के लिए चल रही हैं।
WHO और Bloomberg Philanthropies की क्या राय है?
यह पुरस्कार ब्लूमबर्ग फिलान्थ्रपीज के संस्थापक माइकल ब्लूमबर्ग ने खुद प्रदान किया। उन्होंने कहा, “2007 के मुकाबले आज कई देशों ने तंबाकू नियंत्रण में बड़ी प्रगति की है। भारत इस दिशा में एक बेहतरीन उदाहरण है।” इस मौके पर WHO की ग्लोबल टोबैको एपिडेमिक 2025 रिपोर्ट भी लॉन्च की गई, जिसमें बताया गया कि, दुनियाभर में 2007 से 2023 तक धूम्रपान करने वालों की संख्या 22.3% से घटकर 16.4% हो गई है। भारत में 2023 में केवल 7% वयस्क धूम्रपान करते पाए गए।
हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि भारत में अब भी स्मोकलेस तंबाकू (जैसे गुटखा, खैनी) एक गंभीर चिंता का विषय बना हुआ है।
सम्मान पाने वाले अन्य 5 देश
भारत के साथ-साथ इन देशों को भी यह पुरस्कार मिला… मॉरीशस, मैक्सिको, मोंटेनेग्रो, फिलीपींस और यूक्रेन









