
भारतीय वायु सेना (IAF) ने गुरुवार को 36 राफेल जेट विमानों में से अंतिम विमान प्राप्त करने पर ट्विटर पर एक अपडेट साझा किया. राफेल विमान की एक तस्वीर के साथ भारतीय वायुसेना ने ट्वीट किया. ट्वीट में एयरफोर्स ने लिखा, “Feet Dry (जमीन के ऊपर से उड़ते हुए)! ‘पैक पूरा हो गया है.’ 36वें IAF राफेल ने यूएई वायु सेना के टैंकर से एक त्वरित मार्ग के जरिए भारत में लैंड किया.”
पांच राफेल जेट विमानों का पहला जत्था जुलाई 2020 में अंबाला वायु सेना स्टेशन पर पहुंचा था. उन दिनों एक सरकारी बयान में कहा गया था कि “इन्हें औपचारिक रूप से अगले महीने भारतीय वायुसेना द्वारा शामिल किया जाएगा. पहले पांच राफेल जेट विमान “गोल्डन एरो” नामक 17 स्क्वाड्रन का हिस्सा बनेंगे. गोल्डन एरो स्क्वाड्रन को एक साल पहले ही पुनर्जीवित किया गया था.”
FEET DRY!
— Indian Air Force (@IAF_MCC) December 15, 2022
'The Pack is Complete'
The last of the 36 IAF Rafales landed in India after a quick enroute sip from a UAE Air Force tanker.
Shukran jazeelan. @modgovae pic.twitter.com/5rkMikXQeS
तब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था, “राफेल सौदा भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक गेम चेंजर है और इसे शामिल करना दुनिया के लिए और विशेष रूप से भारत की संप्रभुता को चुनौती देने वालों के लिए एक मजबूत संदेश है.” लगभग 9 बिलियन डॉलर की डील के साथ भारतीय वायुसेना के बेड़े में राफेल के नए जेट शामिल किए गए.
वहीं फरवरी में, भारत को अंतिम चार लड़ाकू विमानों में से तीन प्राप्त हुए. ये जेट पूरी तरह से भारत-विशिष्ट आवश्यकताओं से सुसज्जित मार्सिले के उत्तर-पश्चिम में स्थित राफेल निर्माता डसॉल्ट एविएशन के इस्ट्रेस-ले ट्यूब एयर बेस पर फ्रांस द्वारा भारत को सौंपे गए थे.
जेट में भारत-विशिष्ट संवर्द्धन में हेलमेट-माउंटेड दृष्टि, रडार चेतावनी रिसीवर, 10 घंटे के लिए पर्याप्त भंडारण के साथ उड़ान की क्षमता, डेटा रिकॉर्डर, इन्फ्रा-रेड सर्च, ट्रैक सिस्टम व आने वाली मिसाइलों को खदेड़ने के लिए मिसाइल अवे वार्निंग सिस्टम शामिल हैं.
पिछले महीने, भारतीय वायु सेना और फांस की वायु सेना के बीच हुए संयुक्त सैन्याभ्यास में IAF प्रमुख मार्शल वीआर चौधरी ने राफेल फाइटर जेट को उड़ाया था. जबकि फ्रांस के वायु सेना प्रमुख जनरल स्टीफन मिल ने इस दौरान भारतीय रूसी मूल के सुखोई -30 लड़ाकू विमान में उड़ान भरी थी.
गरुड़ VI नामक यह सैन्याभ्यास राजस्थान स्थित जोधपुर एयर फोर्स स्टेशन पर हुआ था. इस दौरान राफेल उड़ाने के बाद, एयर मार्शल विवेक राम चौधरी ने कहा, “निश्चित रूप से, हमें हालिया जरूरतों को पूरा करने के लिए 4.5 पीढ़ी के विमान, इन विमानों (राफेल) के पांच से छह स्क्वाड्रन की आवश्यकता है.”









