
नई दिल्ली. 1947 के युद्ध में भारतीय सेना का नेतृत्व करने वाले करियप्पा ने 15 जनवरी 1949 को अंतिम ब्रिटिश कमांडर-इन-चीफ जनरल सर एफआरआर बुचर से भारतीय सेना की कमान संभाली और स्वतंत्र भारत के पहले भारतीय कमांडर-इन-चीफ यानी सेना के मुखिया बने. जनरल करियप्पा और रक्षा बलों को सम्मानित करने के लिए हर साल 15 जनवरी को सेना दिवस मनाया जाता है.
देश के प्रमुख कार्यक्रमों को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र से दूर देश के दूसरे हिस्सों में आयोजित कराए जाने की सरकार के पहल के तहत इस साल 75वां सेना दिवस बेंगलुरु में आयोजित किया गया. आज के दिन भारतीय सेना की परेड खास चर्चा का विषय रहा. सेना दिवस परेड में भारतीय सेना के जांबाजों द्वारा विभिन्न हथियार प्रणालियों का प्रदर्शन किया जाता है. इस दिन जांबाज सैनिकों को वीरता पुरस्कार और सेना पदक से भी सम्मानित किया जाता है.
सेना दिवस पर परेड की शुरुआत मद्रास इंजीनियर सेंटर वार मेमोरियल में सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे द्वारा माल्यार्पण समारोह के साथ हुई. इसके बाद जनरल पांडे ने सेना दिवस परेड की समीक्षा की साथ ही सेना की विभिन्न यूनिटों को उनके असाधारण प्रदर्शन के लिए चीफ ऑफ़ आर्मी स्टाफ यूनिट प्रशस्ति पत्र भी प्रदान किया गया.









