
भारत की अर्थव्यवस्था को वित्तीय वर्ष 2024-25 (FY25) की तीसरी तिमाही (Q3FY25) में मजबूती मिलने की संभावना है, जिसमें सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की वृद्धि दर 6.2% तक पहुंच सकती है। यह Q2FY25 में 5.4% की तुलना में अधिक होगी, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार।
GDP और GVA के बीच अंतर का प्रभाव
रिपोर्ट बताती है कि FY25 की पहली छमाही में GDP और सकल मूल्य वर्धित (GVA) वृद्धि के बीच नकारात्मक अंतर था, जो Q3FY25 में समाप्त होने की संभावना है।
हालांकि, कुछ जोखिम भी मौजूद हैं: GDP और वित्तीय आंकड़ों के बीच असंगति: GDP डेटा में दिखाए गए परोक्ष कर संग्रह और वास्तविक राजस्व आंकड़ों में अंतर देखा गया है।
शुद्ध अप्रत्यक्ष करों की वृद्धि दर में गिरावट: इससे Q3FY25 की GDP वृद्धि पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
FY25 के लिए GDP वृद्धि अनुमान
रिपोर्ट के अनुसार, पूरे FY25 के लिए GDP वृद्धि दर 6.4% रहने का अनुमान है।
दूसरी छमाही में वृद्धि 6.8% तक पहुंच सकती है, जबकि पहली छमाही में यह 6% थी।
संभावित संशोधन और आर्थिक दृष्टिकोण
Q3FY25 के GDP आंकड़े में वृद्धि संभव है, यदि पिछले वर्ष के डेटा में संशोधन किया जाता है – जैसा कि पहले GDP अनुमानों में देखा गया है।
जल्द ही FY25 के पूरे वर्ष के GDP का दूसरा अग्रिम अनुमान जारी किया जाएगा, जिससे अर्थव्यवस्था की स्थिति को लेकर स्पष्टता बढ़ेगी।
नीतिनिर्माताओं और विश्लेषकों की नजर अब भारत की आर्थिक विकास गति पर टिकी हुई है।