
स्किल-बेस्ड हायरिंग का बढ़ता चलन
नौकरी और प्रतिभा मंच foundit (पूर्व में Monster APAC & ME) की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, फरवरी 2025 में भारत की हायरिंग दर में फरवरी 2024 की तुलना में 10% की वृद्धि हुई है। इस बढ़ोतरी का मुख्य कारण फ्रेशर्स की बढ़ती मांग है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि कंपनियां अब डिग्री से ज्यादा कौशल को प्राथमिकता देने लगी हैं। 2023 में जहां 4% जॉब लिस्टिंग स्किल-आधारित थीं, वहीं 2025 में यह आंकड़ा बढ़कर 14% हो गया है।
foundit के CEO वी. सुरेश ने कहा, “अब हायरिंग का रुझान पूरी तरह से कौशल-आधारित हो गया है। इससे नए ग्रेजुएट्स के लिए यह एक सुनहरा अवसर है कि वे इन-डिमांड स्किल्स सीखें, सर्टिफिकेशन प्राप्त करें और एक मजबूत पोर्टफोलियो तैयार करें, जिससे वे प्रतिस्पर्धा में आगे रह सकें।”
फ्रेशर हायरिंग में 6% मासिक वृद्धि, आईटी सेक्टर बना सबसे बड़ा नियोक्ता
रिपोर्ट के अनुसार, फ्रेशर हायरिंग में माह-दर-माह (MoM) 6% की वृद्धि दर्ज की गई है। उद्योगों में, आईटी हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर सेक्टर ने फ्रेशर्स की भर्ती में सबसे अधिक योगदान दिया, जहां 2024 में यह हिस्सा 17% था, वहीं फरवरी 2025 में यह बढ़कर 34% हो गया। हालांकि, BFSI और BPO/ITES क्षेत्रों में फ्रेशर हायरिंग में गिरावट देखी गई है।
टियर-2 शहरों में भी बढ़ रहे रोजगार के अवसर
अब केवल महानगरों तक ही नौकरियों का विस्तार सीमित नहीं है, बल्कि नासिक, जयपुर, सूरत, कोयंबटूर, इंदौर, कोच्चि, ठाणे, वडोदरा, चंडीगढ़ और नागपुर जैसे टियर-2 शहर भी फ्रेशर्स के लिए प्रमुख रोजगार केंद्र बन रहे हैं।
एनिमेशन, गेमिंग और हेल्थकेयर सेक्टर में उछाल
रिपोर्ट के अनुसार, एनिमेशन और गेमिंग सेक्टर में साल-दर-साल (YoY) 15% की वृद्धि हुई है, जबकि मेडिकल और हेल्थकेयर सेक्टर में 8% की वृद्धि दर्ज की गई है। इन क्षेत्रों में आकर्षक वेतन पैकेज भी मिल रहे हैं।
पुणे और अहमदाबाद में सबसे तेज भर्ती दर
शहरों में पुणे ने 6.7% मासिक वृद्धि के साथ सबसे अधिक हायरिंग ग्रोथ दिखाई, जबकि अहमदाबाद 6.3% वृद्धि के साथ दूसरे स्थान पर रहा। यह इंगित करता है कि अब हायरिंग केवल बड़े शहरों तक सीमित नहीं है, बल्कि क्षेत्रीय स्तर पर भी इसका विस्तार हो रहा है।