
संविधान ने भारत की पहचान को मजबूती दी: राष्ट्रपति मुर्मू
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शनिवार को 76वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर अपने राष्ट्र को संबोधित करते हुए ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ पर समर्थन व्यक्त किया और संविधान के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि संविधान ने “हमारी सामूहिक पहचान” को मजबूत किया और यह भारतीय समाज की नींव है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि आज भारत की अर्थव्यवस्था वैश्विक आर्थिक रुझानों को प्रभावित करती है।
संविधान की 75वीं वर्षगांठ पर भारत की प्रगति
राष्ट्रपति ने कहा कि गणतंत्र दिवस के इस अवसर पर वह नागरिकों को बधाई देती हैं और सैनिकों, पुलिस और अर्धसैनिक बलों को उनके योगदान के लिए सम्मानित किया। उन्होंने यह भी कहा कि भारत ने स्वतंत्रता के समय अत्यधिक गरीबी और भूख का सामना किया, लेकिन हम कभी अपने आत्मविश्वास से वंचित नहीं हुए।
ISRO की सफलता और भारत की अंतरिक्ष प्रगति
राष्ट्रपति मुर्मू ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) की हालिया उपलब्धियों का जिक्र किया और कहा कि इस महीने ISRO ने सफल स्पेस डॉकिंग प्रयोग किया, जिसके बाद भारत चौथा ऐसा देश बन गया है, जिसके पास यह क्षमता है।
आर्थिक विकास और सामाजिक समावेशन पर ध्यान
राष्ट्रपति ने आर्थिक विकास की ओर इशारा करते हुए कहा कि पिछले कुछ वर्षों में भारत की अर्थव्यवस्था उच्च दर से बढ़ी है, जिससे रोजगार के अवसर बढ़े हैं और किसानों तथा श्रमिकों के हाथ में अधिक पैसा आया है। उन्होंने सरकार की योजनाओं का उल्लेख किया, जैसे प्रधानमंत्री जन धन योजना और प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, जो वित्तीय समावेशन को बढ़ावा दे रही हैं।
जनोम इंडिया प्रोजेक्ट और खेलों में भारत की सफलता
राष्ट्रपति ने जनोम इंडिया प्रोजेक्ट की सफलता का जिक्र किया, जो भारत में बायोटेक्नोलॉजी और सार्वजनिक स्वास्थ्य क्षेत्र में नई दिशा खोलेगा। उन्होंने भारतीय खेलों में सफलता को भी सराहा, खासकर शतरंज में विश्व चैम्पियन ड. गुकेश की जीत का उल्लेख किया।
प्रवासियों और युवाओं का योगदान
राष्ट्रपति मुर्मू ने विदेशों में रहने वाले भारतीयों और भारतीय मूल के लोगों की सराहना की, जो दुनिया भर में भारत की संस्कृति और सभ्यता का प्रचार कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि भारत के युवा, खासकर युवा महिलाएं, हमारे भविष्य के निर्माण में अहम भूमिका निभा रहे हैं।
जलवायु परिवर्तन से निपटने की अपील
राष्ट्रपति ने जलवायु परिवर्तन के खिलाफ वैश्विक खतरे से निपटने के लिए नागरिकों से प्रयास करने की अपील की और ‘मिशन लाइफस्टाइल फॉर एनवायरनमेंट’ तथा ‘एक पेड़ माँ के नाम’ जैसी पहलों का उल्लेख किया। उन्होंने महात्मा गांधी के विचारों को याद करते हुए कहा कि उनके सिद्धांत सत्य और अहिंसा आज भी पूरे दुनिया के लिए प्रासंगिक हैं।









