
भारत की बिजली खपत एक साल पहले के महीने की तुलना में 5.14 प्रतिशत बढ़कर 125.44 बिलियन यूनिट (बीयू) हो गई। सोमवार यानी 2 दिसंबर को जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार, बिजली खपत एक साल पहले के महीने की तुलना में 5.14 प्रतिशत बढ़कर 125.44 बिलियन यूनिट (बीयू) हो गई है। वहीं, नवंबर में 2023 में बिजली की खपत 119.30 गीगावॉट थी।
एक दिन में सबसे अधिक आपूर्ति (पीक पावर डिमांड पूरी) भी नवंबर 2024 में मामूली रूप से बढ़कर 207.42 गीगावॉट हो गई, जो एक साल पहले की अवधि में 204.56 गीगावॉट थी। इस साल मई में पीक पावर डिमांड ने लगभग 250 गीगावॉट के सर्वकालिक उच्च स्तर को छुआ। पिछली सर्वकालिक उच्च पीक पावर डिमांड 243.27 गीगावॉट सितंबर 2023 में दर्ज की गई थी।
इस साल की शुरुआत में, बिजली मंत्रालय ने मई के लिए दिन के दौरान 235 गीगावॉट और शाम के समय 225 गीगावॉट की पीक पावर डिमांड का अनुमान लगाया था, जबकि जून के लिए दिन के समय 240 गीगावॉट और शाम के समय 235 गीगावॉट की पीक पावर डिमांड का अनुमान लगाया था। मंत्रालय ने यह भी अनुमान लगाया था कि इस गर्मी में बिजली की अधिकतम मांग 260 गीगावाट तक पहुंच सकती है।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार नवंबर 2024 पिछले चार से पांच वर्षों में सबसे गर्म महीना रहा, इस बात को ध्यान में रखते हुए विशेषज्ञों ने कहा कि सर्दियों की धीमी शुरुआत के कारण बिजली की मांग के साथ-साथ खपत में भी धीमी वृद्धि देखी गई। उन्होंने आगे कहा कि नवंबर में बिजली की अधिकतम मांग में मामूली वृद्धि भी सामान्य से अधिक गर्मी के प्रभाव को दर्शाती है, खासकर उत्तरी भारत में जहां पारे में गिरावट के कारण सर्दियों में हीटर और गीजर के उपयोग के कारण बिजली की खपत बढ़ जाती है।
हालांकि, उन्होंने कहा कि अच्छी वाणिज्यिक और औद्योगिक गतिविधियों के साथ-साथ तापमान में गिरावट के कारण आने वाले दिनों में बिजली की मांग और खपत स्थिर रहेगी।








