
Parliament Passes Tribhuvan Bill: संसद ने मंगलवार को गुजरात के आनंद शहर में त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय स्थापित करने का बिल पास कर दिया। इस विश्वविद्यालय का मकसद सहकारी संस्थाओं के लिए प्रशिक्षित मानव संसाधन तैयार करना है।
त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय
यह बिल इंस्टीट्यूट ऑफ रूरल मैनेजमेंट आनंद (IRMA) को एक विश्वविद्यालय के रूप में स्थापित करने का प्रस्ताव है, जिसे अब त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय के नाम से जाना जाएगा। इस विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय महत्व का संस्थान घोषित किया जाएगा।
यह देश का पहला विश्वविद्यालय
यह बिल पहले लोकसभा में 26 मार्च को पारित हुआ था, और मंगलवार को राज्यसभा से भी मंजूरी मिल गई। बिल पर चर्चा करते हुए, सहकारिता राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल ने बताया कि यह देश का पहला विश्वविद्यालय होगा, जो पूरी तरह से सहकारी क्षेत्र को समर्पित होगा। उन्होंने यह भी कहा कि इस विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय महत्व का दर्जा दिया जाएगा, और इसमें हर साल 8 लाख लोगों को प्रशिक्षण दिया जाएगा।
17 लाख प्रशिक्षित पेशेवरों की आवश्यकता
मोहोल ने यह भी बताया कि अगले पांच सालों में सहकारी क्षेत्र में करीब 17 लाख प्रशिक्षित पेशेवरों की आवश्यकता होगी, और यह विश्वविद्यालय उस जरूरत को पूरा करने में मदद करेगा। इस कदम से सहकारी क्षेत्र में शिक्षा और प्रशिक्षण के नए अवसर पैदा होंगे, जिससे इस क्षेत्र में और अधिक दक्षता आएगी।