भारत का जीडीपी 10 साल में दोगुना, दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर

अनुमान है कि भारत की अर्थव्यवस्था 2025 और 2026 में 6.5% की दर से बढ़ेगी, जो इसे दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना सकती है।

भारत के जीडीपी में दोगुनी वृद्धि: 100% वृद्धि के कारण और भविष्य के संकेत
भारत की जीडीपी वृद्धि दुनिया के शीर्ष 10 देशों में सबसे अधिक रही है, जबकि अमेरिका, चीन और जर्मनी ने क्रमशः 65.8%, 75.8% और 43.7% वृद्धि दर्ज की। 2014 में भारत की जीडीपी दसवीं सबसे बड़ी थी, जबकि अब यह 2021 में पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुकी है।

भारत की तेज़ अर्थव्यवस्था: सरकारी प्रयास और डिजिटलीकरण का प्रभाव
SBI रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार, 2025 तक भारत का प्रति व्यक्ति जीडीपी वर्तमान मूल्य पर 2.35 लाख रुपये तक पहुंचने की संभावना है। इसके साथ ही, सरकार की ओर से जन कल्याण के लिए उठाए गए कदम और डिजिटलीकरण में तेजी से बदलाव ने भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूती दी है। IMF का अनुमान है कि भारत की अर्थव्यवस्था 2025 और 2026 में 6.5% की दर से बढ़ेगी, जो इसे दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना सकती है।

उधारी, अवसंरचना और वैश्विक व्यापार के प्रभाव
विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार द्वारा अवसंरचना विकास, GST का कार्यान्वयन और उच्च पूंजीगत व्यय में वृद्धि ने जीडीपी वृद्धि को बढ़ावा दिया है। CRISIL के मुख्य अर्थशास्त्री धर्मकीर्ति जोशी के अनुसार, सरकारी खर्चों के बढ़ने और डिजिटल बुनियादी ढांचे में सुधार ने भारत की अर्थव्यवस्था को और मजबूती दी है। DBS बैंक की वरिष्ठ अर्थशास्त्री राधिका राव का कहना है कि उच्च पूंजीगत व्यय के साथ-साथ निर्यात और सेवा क्षेत्र में भी मजबूत वृद्धि हुई है, जिससे वर्तमान खाता संतुलन में सुधार हुआ है।

भारत की आने वाली आर्थिक यात्रा: वैश्विक व्यापार और आयात-निर्यात संतुलन में बदलाव
भारत की आर्थिक प्रगति में सुधार और वैश्विक व्यापार संरचना के परिवर्तन से निर्यात में वृद्धि हुई है। सेवाओं के क्षेत्र में भी प्रगति हुई है, जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था को एक नया दिशा मिला है।

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