
डिजिटलीकरण, सुधार और वित्तीय समावेशन से भारत की अर्थव्यवस्था को मिली तेजी
भारत ने 2015 में 2.1 ट्रिलियन डॉलर से अपनी जीडीपी को बढ़ाकर 2025 तक 4.3 ट्रिलियन डॉलर कर लिया है, जो 105% की अभूतपूर्व वृद्धि को दर्शाता है। इस वृद्धि के पीछे कई कारण हैं, जिनमें डिजिटलीकरण, सुधार और वित्तीय समावेशन जैसे प्रमुख तत्व शामिल हैं, जिनका भारतीय अर्थव्यवस्था पर गहरा प्रभाव पड़ा है।
आर्थिक सुधारों का महत्वपूर्ण योगदान
आर्थिक विशेषज्ञ पंकज जायस्वाल ने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी के कार्यभार संभालने के बाद भारत ने तेज़ी से आर्थिक वृद्धि देखी है।” उन्होंने वित्तीय समावेशन के लाभों को भी रेखांकित किया, जिससे पहले अनौपचारिक अर्थव्यवस्था का हिस्सा रहे लोग अब मुख्यधारा में आकर योगदान दे रहे हैं।
सरकारी नीतियों और सुधारों ने दी गति
आर्थिक विशेषज्ञ शरद कोहली ने BJP सरकार द्वारा किए गए सुधारों को भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था का कारण बताया। उन्होंने कहा, “यह सरकार द्वारा किए गए सुधारों और नीतियों का परिणाम है। इन सुधारों का असर कृषि, फिनटेक, शासन, निर्माण और बुनियादी ढांचे जैसे क्षेत्रों में देखा गया है।”
प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व को मिली सराहना
BJP नेता अमित मालवीया ने IMF के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि भारत ने 105% की वृद्धि के साथ अपनी जीडीपी को दोगुना कर लिया है, जो अन्य किसी प्रमुख वैश्विक अर्थव्यवस्था से अप्रत्याशित है। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व की सराहना करते हुए इसे सरकार की कड़ी मेहनत और निर्णायक नेतृत्व का परिणाम बताया।
चीन और जर्मनी का प्रदर्शन
चीन ने 10 वर्षों में 76% की वृद्धि दर्ज की, जबकि जर्मनी की जीडीपी में 44% का इज़ाफा हुआ।