
भारत अब पहली बार अफ्रीकी देशों के साथ एक बड़ा नौसैनिक अभ्यास ‘Aikeyme’ (Africa-India Key Maritime Engagement) आयोजित करेगा, जो अगले महीने तंजानिया के दर-ए-सलाम में 13 से 18 अप्रैल तक होगा। यह अभ्यास भारतीय नौसेना द्वारा अफ्रीका के साथ अपने सैन्य रिश्तों को और मजबूत करने के उद्देश्य से किया जा रहा है, खासकर चीन के बढ़ते रणनीतिक प्रभाव को देखते हुए। इस अभ्यास में 10 अफ्रीकी देशों के नौसेना भाग लेंगी, जिनमें तंजानिया, कोमोरस, जिबूती, इरीट्रिया, केन्या, मेडागास्कर, मॉरीशस, मोजाम्बिक, सेशेल्स और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं।
भारतीय नौसेना के उपाध्यक्ष, वाइस एडमिरल तरुण सोबती ने बताया कि इस अभ्यास का उद्देश्य समुद्री सुरक्षा को बढ़ावा देना है और भारत की ‘सागर’ (समुद्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास) नीति के तहत हिंद महासागर क्षेत्र में सुरक्षा की स्थिति को बेहतर बनाना है। इस अभ्यास में समुद्री सर्च और रेस्क्यू मिशन, हेलीकॉप्टर ऑपरेशंस, हथियारों की फायरिंग, वीबीएसएस (विजिट बोर्ड सर्च और सीज) ड्रिल्स सहित कई अन्य गतिविधियां होंगी।
इसके अलावा, ‘IOS Sagar’ पहल के तहत भारतीय नौसेना द्वारा एक नई शुरुआत की जाएगी, जिसमें भारतीय नौसैनिक और नौ देशों के 44 विदेशी नौसैनिकों की संयुक्त टीम INS सुनयना पर तैनात होगी। यह जहाज 5 अप्रैल से 8 मई तक दक्षिण-पश्चिम भारतीय महासागर क्षेत्र में तैनात रहेगा और विभिन्न बंदरगाहों पर पहुंचेगा। इस पहल के तहत, भारतीय नौसेना और इन देशों के बीच समुद्री सुरक्षा के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ाया जाएगा।
वाइस एडमिरल सोबती ने कहा कि भारत ने पिछले 10 वर्षों में भारतीय महासागर क्षेत्र (IOR) के देशों के साथ अपने सैन्य संबंधों को मजबूत किया है। ‘Aikeyme’ और ‘IOS Sagar’ जैसी पहलें भारत को हिंद महासागर क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण सुरक्षा साझीदार के रूप में स्थापित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं।
साथ ही, सोमालिया के समुद्री लुटेरों और हूथी विद्रोहियों से मुकाबला करने के लिए भारत ने क्षेत्र में एक भारतीय युद्धपोत को स्थायी रूप से तैनात किया है और यदि समुद्री लूटपाट फिर से बढ़ती है, तो और अधिक युद्धपोत भेजे जाएंगे।
इस पहल के तहत भारत और अफ्रीका के बीच समुद्री सुरक्षा और सहयोग को एक नई दिशा मिलेगी, जिससे दोनों पक्षों के बीच समृद्ध सहयोग और सुरक्षा की संभावना बढ़ेगी।









