फरवरी 2025 में भारत के नौकरी बाजार में 41% की वृद्धि, फ्रेशर हायरिंग में तेज उछाल

सूरत, कोयंबटूर, इंदौर, कोच्चि, ठाणे, वडोदरा, चंडीगढ़ और नागपुर जैसे टियर-2 शहर भी फ्रेशर्स के लिए नए रोजगार केंद्र के रूप में उभर रहे हैं।

फ्रेशर हायरिंग में 26% सालाना वृद्धि

भारत का नौकरी बाजार फरवरी 2025 में 41% साल-दर-साल (YoY) की वृद्धि के साथ मजबूती से आगे बढ़ा, जिसमें सबसे बड़ा योगदान फ्रेशर हायरिंग का रहा। foundit (पूर्व में Monster APAC और ME) की रिपोर्ट के अनुसार, फ्रेशर हायरिंग में फरवरी 2024 की तुलना में 26% की वृद्धि दर्ज की गई, जिससे यह स्पष्ट होता है कि नियोक्ताओं की मांग एंट्री-लेवल टैलेंट के लिए लगातार बनी हुई है।

आईटी सेक्टर बना फ्रेशर हायरिंग का सबसे बड़ा केंद्र

आईटी – हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर क्षेत्र ने फ्रेशर भर्ती में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी दर्ज की, जहां इसका हिस्सा 2024 में 17% था, जो 2025 में बढ़कर 34% हो गया।

कौशल-आधारित हायरिंग पर जोर

foundit के CEO वी. सुरेश के अनुसार, “अब हायरिंग पूरी तरह से स्किल-बेस्ड हो रही है। कंपनियां ऐसे उम्मीदवारों को प्राथमिकता दे रही हैं, जिनके पास व्यावहारिक अनुभव और उद्योग से जुड़ी आवश्यक स्किल्स हैं।”

रिक्रूटमेंट और स्टाफिंग इंडस्ट्री में भी ग्रोथ

रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि रिक्रूटमेंट और स्टाफिंग इंडस्ट्री में फ्रेशर हायरिंग बढ़ी है, जिससे विभिन्न क्षेत्रों में नए टैलेंट की बढ़ती मांग का संकेत मिलता है।

BFSI और BPO/ITES में गिरावट

इसके विपरीत, BFSI (बैंकिंग, वित्तीय सेवा और बीमा) और BPO/ITES क्षेत्रों में फ्रेशर हायरिंग में गिरावट दर्ज की गई है, जो उद्योग की बदलती प्राथमिकताओं को दर्शाता है।

टियर-2 शहरों में रोजगार के नए अवसर

नौकरियों का विस्तार अब केवल महानगरों तक सीमित नहीं है। रिपोर्ट के अनुसार, नासिक, जयपुर, सूरत, कोयंबटूर, इंदौर, कोच्चि, ठाणे, वडोदरा, चंडीगढ़ और नागपुर जैसे टियर-2 शहर भी फ्रेशर्स के लिए नए रोजगार केंद्र के रूप में उभर रहे हैं।

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