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अर्थव्यवस्था में रिकवरी के संकेत, भारत के मुख्य उद्योग क्षेत्र (कोर सेक्टर) की वृद्धि अक्टूबर में 3.1% रही, जो लगातार दूसरे महीने सुधार का संकेत देती है। वाणिज्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, यह वृद्धि सितंबर के संशोधित 2.4% से बेहतर रही। इससे देश के बुनियादी ढांचे और औद्योगिक उत्पादन में सुधार के संकेत मिल रहे हैं।
मुख्य उद्योग क्षेत्र क्या है?
कोर सेक्टर में आठ प्रमुख उद्योग आते हैं:
कोयला
कच्चा तेल
प्राकृतिक गैस
रिफाइनरी उत्पाद
उर्वरक
इस्पात
सीमेंट
बिजली
ये उद्योग औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) का 40% हिस्सा बनाते हैं और अर्थव्यवस्था के प्रदर्शन के महत्वपूर्ण संकेतक माने जाते हैं।
अगस्त से सुधार की ओर
अक्टूबर की यह वृद्धि अगस्त में दर्ज 22 महीने के सबसे निचले स्तर 0.1% के संकुचन के बाद आई है। सितंबर में भी औद्योगिक उत्पादन 3.1% बढ़ा था, जिससे विनिर्माण क्षेत्र में सुधार की उम्मीद जगी है। हालांकि, चालू वित्तीय वर्ष (H1FY25) की पहली छमाही में कोर सेक्टर की वृद्धि 4.2% रही, जो पिछले वर्ष की समान अवधि में दर्ज 8.2% की वृद्धि से काफी कम है।
अक्टूबर में किन उद्योगों ने किया बेहतर प्रदर्शन?
- कोयला, रिफाइनरी उत्पाद और इस्पात, घरेलू मांग में तेजी के चलते इन उद्योगों ने अच्छी वृद्धि दर्ज की।
- सीमेंट और उर्वरक, इन क्षेत्रों ने भी हल्की बढ़त दिखाई।
- कच्चा तेल और प्राकृतिक गैस, उत्पादन संबंधी चुनौतियों के कारण ये क्षेत्र अब भी दबाव में हैं।
- बिजली उत्पादन, यह क्षेत्र सुस्त रहा, जिससे यह साफ होता है कि सभी क्षेत्रों में सुधार समान रूप से नहीं हो रहा है।
आर्थिक विशेषज्ञों की राय
विशेषज्ञों का मानना है कि कोर सेक्टर और औद्योगिक उत्पादन में हालिया सुधार देश की अर्थव्यवस्था के स्थिरीकरण की ओर इशारा करता है। दिल्ली विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्र के सहायक प्रोफेसर अभाष कुमार ने कहा,
“कोर सेक्टर और औद्योगिक उत्पादन में सुधार से संकेत मिलता है कि विनिर्माण और बुनियादी ढांचा क्षेत्र स्थिर हो रहे हैं। लेकिन इस वृद्धि को बनाए रखने के लिए कच्चे तेल और बिजली क्षेत्र की समस्याओं को दूर करना होगा। साथ ही, सरकार की औद्योगिक उत्पादन बढ़ाने की पहलों का लाभ उठाना होगा।”
त्योहारी सीजन और नीतियों से मिलेगी रफ्तार
अर्थशास्त्रियों के अनुसार, तीसरी तिमाही से भारत की अर्थव्यवस्था को त्योहारी सीजन की मांग और सरकारी नीतियों का समर्थन मिलेगा। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने वित्तीय वर्ष 2025 की आखिरी दो तिमाहियों के लिए औसत सकल घरेलू उत्पाद (GDP) वृद्धि दर 7.4% रहने का अनुमान लगाया है।
आगे का रास्ता
अक्टूबर में कोर सेक्टर की वृद्धि ने उद्योग और विनिर्माण क्षेत्र के लिए एक सकारात्मक संकेत दिया है। दिसंबर के अंत में जारी होने वाले नए आंकड़े यह बताएंगे कि यह सुधार कितनी स्थिरता के साथ आगे बढ़ता है। मुख्य उद्योग क्षेत्रों में सुधार भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए सकारात्मक संकेत है। हालांकि, चुनौतियों को हल करने और सुधार को स्थिर बनाए रखने के लिए सरकार और उद्योगों को मिलकर काम करना होगा।