भारत के तेलखाद निर्यात में मार्च 2025 में 3% की वृद्धि, तो कास्टॉरसीड मिल के निर्यात में आई कमी

SEA ने यह भी कहा कि तेलखाद निर्यात में मामूली वृद्धि के बावजूद, वर्ष 2024-25 में निर्यात की स्थिरता को बनाए रखने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं, और आगामी वर्ष में रैपसीड और कास्टॉरसीड मिल के निर्यात में सुधार की उम्मीद है।

सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (SEA) द्वारा जारी किए गए मार्च 2025 के तेलखाद निर्यात डेटा के अनुसार, मार्च में तेलखाद निर्यात 3% बढ़कर 4,09,148 टन रहा, जो मार्च 2024 में 3,95,382 टन था। इस वृद्धि के बावजूद, अप्रैल 2024 से मार्च 2025 तक कुल निर्यात मात्रा 43,42,498 टन रही, जो पिछले साल की समान अवधि में 48,85,437 टन थी, यानी इसमें 11% की कमी आई है।

यह गिरावट मुख्य रूप से रैपसीड मिल और कास्टॉरसीड मिल के निर्यात में कमी के कारण हुई है। इसके अलावा, निर्यात का Free on Board (FOB) मूल्य भी घटकर 12,171.0 करोड़ रुपये हो गया, जो पिछले वर्ष के 15,368.0 करोड़ रुपये से 21% कम है।

निर्यात के प्रमुख घटक
भारत का तेलखाद निर्यात मुख्य रूप से सोया, रैपसीड, और कास्टॉरसीड से संबंधित है, जिनमें से रैपसीड और कास्टॉरसीड मिल के निर्यात में कमी आई है, जिससे समग्र निर्यात आंकड़ों पर असर पड़ा है।

आगे की दिशा
SEA ने यह भी कहा कि तेलखाद निर्यात में मामूली वृद्धि के बावजूद, वर्ष 2024-25 में निर्यात की स्थिरता को बनाए रखने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं, और आगामी वर्ष में रैपसीड और कास्टॉरसीड मिल के निर्यात में सुधार की उम्मीद है।

भारत, जो दुनिया के प्रमुख तेलखाद निर्यातकों में से एक है, इन निर्यात आंकड़ों के जरिए वैश्विक खाद्य तेल आपूर्ति श्रृंखला में अपनी अहम भूमिका को और मजबूत करने का प्रयास कर रहा है।

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