
भारत का रियल एस्टेट बाजार 2047 तक 5–10 ट्रिलियन डॉलर तक पहुँचने का अनुमान है, जो देश के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का लगभग पांचवां हिस्सा योगदान देगा। यह जानकारी Colliers और Confederation of Real Estate Developers’ Association of India (Credai) की रिपोर्ट में दी गई है।
वर्तमान में भारत का GDP 4 ट्रिलियन डॉलर है और 2047 तक यह 35–40 ट्रिलियन डॉलर तक बढ़ने का अनुमान है। आज रियल एस्टेट का मूल्य 0.3 ट्रिलियन डॉलर (GDP का 6–8%) है, और भविष्य में यह 14–20% तक बढ़ने की संभावना है, जिसे शहरीकरण, इंफ्रास्ट्रक्चर विकास, स्थिरता नीतियों और निवेशकों की बढ़ती रुचि सहारा देगी।
Colliers India के CEO बादल यागनिक के अनुसार, “भारत का रियल एस्टेट क्षेत्र समावेशी प्रगति में सबसे आगे है और 2047 तक यह 5–10 ट्रिलियन डॉलर के बाजार में परिवर्तित होने के लिए तैयार है।”
रिपोर्ट में कहा गया है कि रेसिडेंशियल बिक्री 2025 में 0.3–0.4 मिलियन यूनिट से बढ़कर 2047 तक 0.8–1.0 मिलियन यूनिट तक पहुँच सकती है, जिसे जनसांख्यिकीय बदलाव, बढ़ती आय और सहायक हाउसिंग नीतियाँ बढ़ावा देंगी।
ऑफिस और इंडस्ट्रियल स्टॉक 2047 तक 2 बिलियन स्क्वायर फीट (bsf) से अधिक हो सकता है। ग्रेड ए ऑफिस स्टॉक 2010 से अब तक तीन गुना बढ़कर 800 मिलियन स्क्वायर फीट (msf) हो गया है, जिसे ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स (GCCs) और टेक्नोलॉजी, बैंकिंग, वित्तीय सेवाएँ और इंश्योरेंस (BFSI), इंजीनियरिंग और मैन्युफैक्चरिंग, फ्लेक्स स्पेस जैसे सेक्टर्स के घरेलू खिलाड़ियों की बढ़ती मांग बढ़ा रही है। यह 2047 तक 2.5–3 बिलियन स्क्वायर फीट तक पहुँच सकता है।









