
भारत का यात्रा और पर्यटन क्षेत्र अगले दस वर्षों में 7 प्रतिशत की दर से बढ़ने की उम्मीद है। यह जानकारी वर्ल्ड ट्रैवल एंड टूरिज्म काउंसिल (WTTC) की अध्यक्ष और CEO, जूलिया सिम्पसन ने दी। उन्होंने बुधवार को इंडिया ट्रैवल एंड टूरिज्म सस्टेनेबिलिटी कॉन्क्लेव 2025 में एक वीडियो संदेश में यह बयान दिया।
सिम्पसन ने बताया कि वर्तमान में भारत की अर्थव्यवस्था में यात्रा और पर्यटन का योगदान लगभग 7 प्रतिशत है, जबकि वैश्विक स्तर पर यह आंकड़ा 10 प्रतिशत है। उनका कहना था कि भारत जिस गति से बढ़ रहा है, उसे देखते हुए यह संभावना जताई जा सकती है कि भारत जल्द ही इस वैश्विक औसत तक पहुंच जाएगा।
सिम्पसन ने आगे कहा, “इस समय भारत का यात्रा और पर्यटन क्षेत्र लगभग 230 बिलियन अमेरिकी डॉलर का है। और आने वाले 10 वर्षों में, हम उम्मीद करते हैं कि यह 7 प्रतिशत की दर से बढ़ेगा। यह एक अभूतपूर्व विकास अवसर है।”
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी ने यात्रा और पर्यटन क्षेत्र में निवेश किया है और इस क्षेत्र की शक्ति को समझा है, जिससे न केवल समुदायों को बल्कि लोगों के जीवन को भी बदला जा सकता है।”
साथ ही, सिम्पसन ने इस क्षेत्र में सतत विकास की आवश्यकता पर भी जोर दिया और बताया कि भारत के ग्रीनहाउस गैसों का 4.8 प्रतिशत उत्सर्जन यात्रा और पर्यटन क्षेत्र से आता है। हालांकि, भारत अपने “कार्बन इंटेन्सिटी” को वैश्विक औसत से अधिक तेजी से घटा रहा है, और यह 13 प्रतिशत कम हो रहा है।









