
रेटेल महंगाई दर में आई गिरावट: वित्त मंत्रालय का बयान
वित्त मंत्रालय के अनुसार, वित्त वर्ष 25 में खुदरा महंगाई दर 4.6 प्रतिशत तक पहुंच गई, जो पिछले छह वर्षों में सबसे कम है। मंत्रालय ने कहा कि महंगाई में आ रही गिरावट ने जीवन यापन की लागत में कमी की है और आर्थिक विकास के लिए एक स्थिर वातावरण तैयार किया है।
महंगाई दर में 2018-19 के बाद सबसे बड़ी गिरावट
वित्त मंत्रालय ने कहा कि “अब महंगाई दर 2018-19 के बाद सबसे कम हो गई है, जिससे भारत ने न केवल मैक्रो-आर्थिक स्थिरता को मजबूत किया है बल्कि सतत विकास के लिए एक सक्षम वातावरण भी तैयार किया है।”
खाद्य कीमतों में गिरावट और उच्च आधार प्रभाव ने महंगाई को नियंत्रित किया
मार्च में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI)-आधारित खुदरा महंगाई 3.34 प्रतिशत तक गिर गई, जो खाद्य कीमतों में गिरावट और उच्च आधार प्रभाव के कारण हुआ।
खाद्य महंगाई में उल्लेखनीय कमी
मार्च 2025 में उपभोक्ता खाद्य मूल्य सूचकांक (CFPI) के आधार पर खाद्य महंगाई 2.69 प्रतिशत रही, जो नवंबर 2021 के बाद सबसे कम है। खाद्य कीमतों में गिरावट मुख्य रूप से सब्जियों, अंडों, दालों, मांस और मछली, अनाज और दूध उत्पादों के महंगेपन में कमी के कारण आई है।
आरबीआई और सरकार के प्रयासों का प्रभाव
वित्त मंत्रालय ने कहा कि यह निरंतर गिरावट रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की सावधानीपूर्वक मौद्रिक नीति और भारत सरकार के सप्लाई-साइड दबावों को कम करने तथा आवश्यक वस्तुओं की कीमतों को स्थिर करने के लिए किए गए प्रयासों का संयुक्त प्रभाव है।
विकास के साथ मूल्य स्थिरता में सफलता
वित्त मंत्रालय ने यह भी कहा कि यह उपलब्धि रिजर्व बैंक की विकासोन्मुख मौद्रिक नीति की प्रभावशीलता को दर्शाती है, जिसने आर्थिक विस्तार और मूल्य स्थिरता के बीच संतुलन स्थापित किया है।









