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Inter faith marriage case: मुस्लिम लड़का और हिंदू लड़की की शादी पर हरियाणा की पंचायत ने दिया अलग होने का आदेश

हरियाणा में एक इंटरफेथ विवाह मामले में मुस्लिम लड़के और हिंदू लड़की की शादी को लेकर गांव की पंचायत ने दोनों को अलग होने का आदेश दिया। इस फैसले ने सामाजिक और कानूनी बहस को जन्म दिया है।

रोहतक: हरियाणा के चरखी दादरी जिले के पतुवास गांव से एक अजीब मामला सामने आया है, जहां आयोजित एक पंचायत में अजीब फैसला सुनाया गया. पंचायत ने अंतरधार्मिक विवाह करने वाले जोड़े को अलग करने और मुस्लिम पुरुष के परिवार का तीन गांवों में सामाजिक बहिष्कार करने का आदेश दिया. चार घंटे तक चली इस पंचायात में पतुवास, महराना और खेरी संवाल गांवों के निवासियों ने हिस्सा लिया. यह पंचायत जिले के ही शाहिद (मुस्लिम पुरुष) और प्रीति (हिंदू महिला) की शादी से उत्पन्न तनाव के कारण बुलाई गई थी.

गांव के मुखिया कपूर सिंह और धर्मपाल सभा की अध्यक्षता कर रहे थे. इस दौरान उन्हों ने कहा कि शाहिद को गांव में वापस आने की अनुमति नहीं दी जाएगी. धर्मपाल ने बताया कि शाहिद के दादा ने सहमति दी है कि वह गांव में वापस नहीं आएगा. पंचायत ने यह भी फैसला किया कि शाहिद के परिवार के साथ कोई सामाजिक संबंध नहीं रखा जाएगा. इसके अलावा पंचायत ने जोड़े को अलग करने का आदेश दिया. धर्मपाल ने कहा कि अलग करने की प्रक्रिया पहले ही शुरू हो चुकी है.

यह विवाद 3 जुलाई को तब शुरू हुआ, जब शाहिद और प्रीति ने निकाह (इस्लामी विवाह समारोह) के माध्यम से शादी की. 6 जुलाई को जब गांव वालों को इस शादी की जानकारी मिली, तो विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए. इसके परिणामस्वरूप, क्षेत्र में मुस्लिम समुदाय के लोगों की दुकानों को जबरन बंद करवा दिया गया, जिससे पूरे इलाके में तनाव उत्पन्न हो गए.

पुलिस ने तनाव कम करने की कोशिश की
पुलिस ने शाहिद के परिवार के घर पर कर्मियों को तैनात किया है, और सुरक्षा व्यवस्था पर नजर रख रही है. स्थानीय नेताओं ने गांव के मुखिया धर्मपाल के नेतृत्व में तनाव को कम करने के लिए मध्यस्थता की कोशिश की. दोनों पक्षों ने अलग-अलग रहने की सहमति के हलफनामे पर हस्ताक्षर किए और उन्हें सरकार द्वारा संचालित सुरक्षित आश्रय से उनके परिवारों को सौंप दिया गया. हालांकि, कुछ गांव के युवाओं में असंतोष बना रहा, जिसके चलते रविवार को पंचायत बुलाई गई थी.

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