
आजकल की बिजी लाइफस्टाइल में अक्सर हम अपने पोषण संबंधी जरूरतों को नजरअंदाज कर देते हैं, और इसकी वजह से सेहत के कई पहलू प्रभावित होते हैं। इसमें से एक महत्वपूर्ण पहलू है हमारी आंतों की सेहत, जिसे कभी-कभी हल्के पेट दर्द के रूप में अनुभव किया जाता है। यह दर्द आंतों की खराब सेहत का इशारा हो सकता है, जो समय पर ध्यान नहीं देने पर गंभीर समस्याएं पैदा कर सकता है।
आपको बता दें कि, आंतें हमारे शरीर का अहम हिस्सा हैं, जो शरीर से गंदगी को बाहर निकालने का काम करती हैं। जब आंतों में संक्रमण होता है, तो बैक्टीरिया, वायरस, फंगस या परजीवी बढ़ने लगते हैं और धीरे-धीरे पेट दर्द, पाचन समस्याएं, कब्ज, उल्टी, बुखार जैसी परेशानियां उत्पन्न होती हैं। अगर इन समस्याओं को नजरअंदाज किया जाए, तो यह आगे चलकर गंभीर बीमारियों का रूप ले सकती हैं।
आंतों में इंफेक्शन के कारण:
- गंदा पानी और दूषित भोजन: दूषित जल और खाने से बैक्टीरिया का संक्रमण फैलता है।
- एंटीबायोटिक का अत्यधिक सेवन: बार-बार एंटीबायोटिक्स का सेवन भी आंतों की बैक्टीरिया संतुलन को बिगाड़ सकता है।
- कमजोर पाचन प्रणाली: पाचन में गड़बड़ी आंतों के लिए हानिकारक हो सकती है।
- जंक फूड: अधिक तला-भुना और जंक फूड खाने से आंतों में सूजन और संक्रमण हो सकता है।
- तनाव: मानसिक तनाव भी आंतों की सेहत पर असर डाल सकता है।
आयुर्वेद में आंतों की देखभाल के लिए कई असरदार उपाय बताए गए हैं:
- छाछ का सेवन: रोजाना दोपहर में छाछ पीना आंतों के लिए बेहद फायदेमंद होता है। इसमें हींग और जीरा मिलाकर पीने से आंतों के बैक्टीरिया खत्म होते हैं।
- अनार का रस: अनार का रस पीने से आंतों में इंफेक्शन कम होता है और पाचन प्रक्रिया में सुधार होता है।
- बेल का जूस: बेल का जूस ठंडक प्रदान करता है और आंतों की सफाई में मदद करता है। यह गर्मियों में विशेष रूप से फायदेमंद होता है।
- त्रिफला चूर्ण: त्रिफला चूर्ण को गुनगुने पानी के साथ लेने से आंतों की सफाई होती है और इंफेक्शन का खतरा कम होता है।
- हल्दी और दूध: हल्दी में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं। दूध के साथ हल्दी का सेवन करने से आंतों की सूजन कम होती है और सफाई में मदद मिलती है।









