भारतीय सेना ने गुरुवार को अपने आधिकारिक बयान में कहा कि तमिलनाडु में हुई हवाई दुर्घटना की भयावहता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि दिवंगतों के नश्वर अवशेषों की सकारात्मक पहचान कर पाना संभव नहीं हो पा रहा है। सेना द्वारा आगे कहा गया कि सभी दिवंगतों के परिजनों की संवेदनशीलता और भावनात्मक हितों को ध्यान में रखते हुए अवशेषों की सकारात्मक पहचान के लिए सभी संभव उपाय किए जा रहे हैं।
समाचार एजेंसी ANI के इनपुट्स के मुताबिक सेना के एक प्रवक्ता ने कहा की सभी दिवंगत आत्माओं के परिजन और उनके परिवार के करीबी सदस्य दिल्ली पहुंचने वाले हैं, “उन्हें सभी जरुरी सहायता प्रदान की जा रही है।” उन्होंने आगे कहा, ”वैज्ञानिक उपायों के अलावा सकारात्मक पहचान के लिए परिवार के करीबी सदस्यों की सहायता ली जाएगी।”
भारतीय सेना के प्रवक्ता ने आगे यह भी बताया गया कि सभी दिवंगतों के पार्थिव शरीर को सकारात्मक पहचान के बाद ही परिजनों को सौंपा जाएगा और आधिकारिक प्रक्रियाओं को पूरा करने के बाद वरिष्ठ सैन्यकर्मियों के परामर्श से उचित सैन्य संस्कार सुनिश्चित किया जाएगा। बता दें कि भारतीय वायुसेना का हेलिकॉप्टर बुधवार दोपहर नीलगिरी जिले के कुन्नूर के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया थे, जिसमें सवार सेना के प्रथम प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (CDS) और उनकी पत्नी सहित कुल 13 सर्वोच्च स्तर के सैन्यकर्मियों की दुखद मृत्यु हो गयी थी।
इस पूरी दुखद घटना के विषय में सरकार ने संसद को सूचित किया कि एयर मार्शल मानवेंद्र सिंह के नेतृत्व में एक तीन सदस्यीय जांच दल ने हेलीकॉप्टर दुर्घटना की जांच शुरू कर दी है। भारतीय वायुसेना ने भी इस घटना में कोर्ट ऑफ इंक्वायरी का गठन किया है।