
इजरायल द्वारा सोमालिलैंड को औपचारिक मान्यता दिए जाने के फैसले पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने सोमवार को आपात बैठक बुलाने का निर्णय लिया है। यह कदम अंतरराष्ट्रीय राजनीति में हलचल मचा चुका है और विशेष रूप से सोमालिया, अफ्रीकी देशों और अरब देशों ने इस पर कड़ा विरोध जताया है। यह निर्णय ऐसे समय में आया है जब सोमालिया कुछ ही दिनों में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की घूर्णन अध्यक्षता संभालने वाला है, जिससे विवाद और गहरा गया है।
इजरायल ने सोमालिलैंड को पहली बार दी मान्यता
इजरायल ने शुक्रवार को घोषणा की कि वह सोमालिलैंड को आधिकारिक रूप से मान्यता देता है। यह पहली बार है जब किसी संयुक्त राष्ट्र सदस्य देश ने सोमालिलैंड को औपचारिक रूप से मान्यता दी है। इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि यह कदम क्षेत्र में इजरायल की कूटनीतिक पहुंच बढ़ाने की नीति का हिस्सा है और यह अब्राहम समझौते की भावना के अनुरूप है। हालांकि, इस फैसले के बाद कई देशों ने इसे अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन बताया है और कड़ी आलोचना की है।
यूरोपीय संघ और अन्य देशों की आलोचना
यूरोपीय संघ ने सुरक्षा परिषद में इजरायल के इस फैसले की आलोचना करते हुए सोमालिया की एकता और संप्रभुता का समर्थन किया है। यूरोपीय संघ ने कहा कि सोमालिया की क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करना पूरे हॉर्न ऑफ अफ्रीका क्षेत्र में शांति और स्थिरता के लिए जरूरी है। इसके अलावा, उसने सोमालिलैंड और सोमालिया की संघीय सरकार के बीच बातचीत से समाधान निकालने की अपील की है।
मिस्र, तुर्की और अन्य देशों का विरोध
इजरायल के इस फैसले की मिस्र, तुर्की, खाड़ी सहयोग परिषद, सऊदी अरब और इस्लामिक सहयोग संगठन सहित कई देशों ने निंदा की है। अमेरिका ने भी इजरायल के फैसले से दूरी बनाते हुए साफ कहा कि वह सोमालिया की क्षेत्रीय अखंडता को मान्यता देता है, जिसमें सोमालिलैंड भी शामिल है। अमेरिकी विदेश विभाग ने यह स्पष्ट किया कि वाशिंगटन अपनी पुरानी नीति पर कायम रहेगा और सोमालिया की संप्रभुता का सम्मान करेगा।
सोमालिलैंड का स्वतंत्रता का दावा
सोमालिलैंड ने 1991 में खुद को सोमालिया से स्वतंत्र घोषित किया था, लेकिन अब तक उसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता नहीं मिली है। सोमालिया ने इजरायल के इस कदम को अपनी संप्रभुता पर हमला करार दिया है। सोमालिया के विदेश मामलों के राज्य मंत्री अली ओमर ने कहा कि उनकी सरकार इस फैसले को कभी स्वीकार नहीं करेगी और इसके विरोध के लिए सभी कूटनीतिक रास्तों का इस्तेमाल करेगी। उन्होंने इजरायल से अंतरराष्ट्रीय कानून का पालन करने और इस फैसले को वापस लेने की अपील की है।
अंतरराष्ट्रीय विवाद और सुरक्षा परिषद की बैठक
इस विवाद के चलते संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में आपात बैठक बुलाई गई है, जहां इस मुद्दे पर चर्चा की जाएगी। यह बैठक सोमालिया के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण साबित हो सकती है, क्योंकि वह जल्द ही सुरक्षा परिषद की घूर्णन अध्यक्षता संभालने वाला है। इस बैठक में यह तय किया जाएगा कि इजरायल के इस कदम का अंतरराष्ट्रीय राजनीति पर क्या असर पड़ेगा और क्या इसे कानूनन सही ठहराया जा सकता है।









