इसुजु मोटर्स इंडिया बनी देश की सबसे बड़ी वाणिज्यिक वाहन निर्यातक, FY 2024-25 में 20,312 यूनिट्स की शिपमेंट

कंपनी के बयान राजेश मित्तल, प्रेसीडेंट और मैनेजिंग डायरेक्टर, इसुजु मोटर्स इंडिया ने कहा, “यह मील का पत्थर इसुजु के वैश्विक निर्माण दर्शन—'इसुजु मोनोज़ुकुरी' की ताकत को दर्शाता है।

इसुजु मोटर्स इंडिया (IMI) ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में 20,312 वाणिज्यिक वाहनों (CVs) का निर्यात किया है, जो पिछले वर्ष की 16,329 यूनिट्स के मुकाबले 24 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। इसके साथ ही इसुजु मोटर्स इंडिया ने देश के सबसे बड़े वाणिज्यिक वाहन निर्यातक के रूप में अपनी स्थिति को मजबूत किया है, जैसा कि सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (SIAM) द्वारा जारी आंकड़ों से पता चलता है। कंपनी का कहना है कि यह उपलब्धि उसे इस सेगमेंट में अपने प्रतिस्पर्धियों से आगे रखती है और भारत के ऑटोमोबाइल निर्यात में इसका महत्वपूर्ण योगदान दिखाती है।

उत्पादन सुविधा और निर्यात इसुजु मोटर्स इंडिया की श्री सिटी, आंध्र प्रदेश स्थित मैन्युफैक्चरिंग प्लांट ने हाल ही में अपनी 100,000वीं वाहन का उत्पादन पूरा किया है। यह सुविधा एशिया और मध्य पूर्व के विभिन्न देशों में बाएं हाथ और दाएं हाथ ड्राइव मार्केट्स के लिए उत्पादन करती है, जिसमें नेपाल, भूटान, बांग्लादेश, सऊदी अरब, कतर, और ओमान जैसे देश शामिल हैं।

कंपनी के बयान राजेश मित्तल, प्रेसीडेंट और मैनेजिंग डायरेक्टर, इसुजु मोटर्स इंडिया ने कहा, “यह मील का पत्थर इसुजु के वैश्विक निर्माण दर्शन—’इसुजु मोनोज़ुकुरी’ की ताकत को दर्शाता है। हम जो भी वाहन भारत में बनाते हैं, वह वही वैश्विक मानकों पर आधारित होते हैं, जो इसुजु ब्रांड को दुनिया भर में परिभाषित करते हैं। हमारी श्री सिटी सुविधा हमारे वैश्विक बाजारों के लिए निर्माण रणनीति का अहम हिस्सा है।”

भारत में निर्मित इसुजु वाहनों की बढ़ती मांग टोरू किशिमोतो, डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर, इसुजु मोटर्स इंडिया ने कहा, “हम भारत में निर्मित इसुजु वाहनों की प्रमुख वैश्विक बाजारों में बढ़ती मांग देखकर गर्व महसूस कर रहे हैं। यह मजबूत निर्यात प्रदर्शन हमारे वाहनों की विश्व स्तरीय गुणवत्ता, विश्वसनीयता और प्रदर्शन का प्रतीक है, जो भारत में निर्मित हैं।”

इस उपलब्धि के साथ, इसुजु मोटर्स इंडिया ने भारतीय विनिर्माण क्षमताओं को वैश्विक बाजारों में और अधिक मान्यता दिलाई है और भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग के निर्यात की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया है।

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