कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी ने सोमवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के निदेशकों का कार्यकाल बढ़ाने वाले दो अध्यादेशों के लाये जाने पर भाजपा की केंद्र सरकार के मंशा पर सवाल उठाया है। समाचार एजेंसी ANI को दिए गए अपने एक बयान में उन्होंने कहा कि “यह अध्यादेश अधिकारियों के लिए एक संदेश है कि यदि हमने (केंद्र) ने आपको नियुक्त किया है, और यदि आप हमारे आदेशों के अनुसार काम करते रहें, विपक्ष को परेशान करते रहें, तो आपका कार्यकाल साल-दर-साल बढ़ाया जाएगा।”
उन्होंने समाचार संस्था ANI के हवाले से सभी विपक्षी दलों को संयुक्त रूप से सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि ये दोनों अध्यादेश ‘अवैध’ हैं। इस पर सभी राजनीतिक दलों को चाहिए कि वो CBI और ED के निदेशकों के कार्यकाल को वर्तमान में दो से पांच साल तक बढ़ाने वाले इन दोनों ‘अवैध’ अध्यादेशों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाए।
This ordinance is illegal, it contradicts Supreme Court’s 1998 Jain Havala case verdict in which it annpunced CBI, ED director’s tenure as 2 years so that the govt at Centre didn’t force the two agencies into any wrongdoing: Manish Tiwari, Congress pic.twitter.com/hOczFUV58C
— ANI (@ANI) November 15, 2021
मनीष तिवारी ने आगे कहा कि ये अध्यादेश ‘अवैध’ इसलिए हैं क्योंकि ये 1990 के दशक के जैन हवाला मामले में शीर्ष अदालत के फैसले का उल्लंघन है। तिवारी ने कहा, “ये सुप्रीम कोर्ट के जैन हवाला मामले के फैसले का खंडन करते हैं जिसमें कोर्ट ने खुद CBI और ED निदेशकों के लिए दो साल के कार्यकाल की घोषणा की थी ताकि केंद्र की सरकार दोनों एजेंसियों को किसी भी गलत काम के लिए मजबूर न कर सके।”