
इंदौर – इंदौर के स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन (SEZ) से आईटी कंपनियों द्वारा सेवाओं और सॉफ्टवेयर का निर्यात वित्त वर्ष 2024-25 में बढ़कर ₹4,038.6 करोड़ पहुंच गया। यह पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 7 प्रतिशत अधिक है। यह वृद्धि मुख्य रूप से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), साइबर सुरक्षा और एंटरप्राइज टेक्नोलॉजी सॉल्यूशंस की बढ़ती वैश्विक मांग के चलते देखी गई।
SEZ डेवलपमेंट कमिश्नर ऑफिस द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल 2024 से मार्च 2025 की अवधि में निर्यात ₹3,781.6 करोड़ से बढ़कर ₹4,038.6 करोड़ तक पहुंच गया।
Crystal IT पार्क ने 19% की वृद्धि दर्ज की
SEZ में फिलहाल लगभग 22 आईटी और ITES कंपनियां काम कर रही हैं, जो निर्यात में महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं। इनमें से क्रिस्टल आईटी पार्क की कंपनियों ने इस साल ₹703.58 करोड़ का निर्यात किया, जो कि पिछले साल की तुलना में 19 प्रतिशत की बढ़त है।
Infosys और TCS की मजबूत प्रदर्शन
- Infosys ने ₹817.10 करोड़ का निर्यात किया, जिसमें 19.7% की वृद्धि दर्ज की गई।
- Tata Consultancy Services (TCS) का निर्यात ₹1,847.9 करोड़ रहा, जो कि 7.10% अधिक है।
कुछ कंपनियों को निर्यात में गिरावट
हालांकि सभी कंपनियों का प्रदर्शन बेहतर नहीं रहा।
- Impetus Infotech Pvt Ltd का निर्यात 15.9% घटकर ₹573.6 करोड़ हो गया।
- Yash Technologies Pvt Ltd ने ₹96.46 करोड़ का निर्यात किया, जो कि 3.82% की गिरावट दर्शाता है।
भविष्य की संभावनाएं
SEZ अधिकारियों का मानना है कि AI और एंटरप्राइज सॉल्यूशंस में निवेश के चलते आने वाले वर्षों में इंदौर की IT इंडस्ट्री और तेजी से बढ़ेगी। सरकार भी SEZ में सुविधाएं बढ़ाकर निर्यात को बढ़ावा देने की दिशा में काम कर रही है।
इंदौर SEZ का यह प्रदर्शन न केवल स्थानीय आईटी उद्योग की मजबूती को दर्शाता है, बल्कि भारत के डिजिटल निर्यात क्षेत्र की वैश्विक स्तर पर बढ़ती पकड़ को भी उजागर करता है।









