जम्मू-कश्मीर लाइट इन्फेंट्री रेजीमेंट में 326 अग्निवीर शामिल, पासिंग आउट परेड में दिखा जज्बा और जुनून

श्रीनगर में जम्मू-कश्मीर लाइट इन्फेंट्री रेजीमेंट का पांचवां अग्निवीर बैच पास आउट, 326 युवा बने सैनिक। परिवारों ने जताया गर्व, सेना ने बढ़ाया हौसला।

श्रीनगर में हुआ JAK LI का पांचवां अग्निवीर बैच पास आउट

जम्मू-कश्मीर लाइट इन्फेंट्री (JAK LI) रेजीमेंट सेंटर, श्रीनगर में गुरुवार को गौरवशाली दृश्य देखने को मिला जब 326 युवा अग्निवीरों को सेना में विधिवत शामिल किया गया। यह JAK LI का पांचवां अग्निवीर बैच था, जिसने 31 हफ्तों की कठोर शारीरिक, मानसिक और सामरिक ट्रेनिंग पूरी करने के बाद पासिंग आउट परेड में भाग लिया।

सिनियर अफसरों की मौजूदगी में हुआ भव्य आयोजन

पासिंग आउट परेड में सेना के वरिष्ठ अधिकारियों, ट्रेनिंग इंस्ट्रक्टर्स और नव-भर्ती सैनिकों के गर्वित परिजन उपस्थित रहे। समारोह में रिव्यूइंग अफसर ने जवानों को संबोधित करते हुए उन्हें देश सेवा के प्रति निष्ठावान रहने और JAK LI की वीरता व परंपराओं को बनाए रखने की प्रेरणा दी।

“31 हफ्तों की मेहनत रंग लाई, अब देश सेवा को तैयार”: अग्निवीरों के जज्बे को सलाम

पासिंग आउट परेड के बाद भावनाओं का सैलाब देखने को मिला। एक अग्निवीर ने कहा, “31 हफ्तों की कड़ी मेहनत के बाद यह दिन आया है। माता-पिता को 7 महीने बाद देखना बहुत अच्छा लगा।”
एक अन्य अग्निवीर ने कहा, “यह बहुत गर्व का पल है। ट्रेनिंग कठिन थी लेकिन अब हम देश की रक्षा को तैयार हैं। मैं कहीं भी तैनाती को तैयार हूं।”
तीसरे अग्निवीर ने कहा, “मेहनत रंग लाई। अब मैं घर लौटूंगा और उम्मीद करता हूं कि और युवा भी सेना में आएं।”

परिजनों ने साझा किया गर्व और भावनाएं

इस आयोजन में परिवारों की आंखों में गर्व और खुशी साफ झलक रही थी। एक माता-पिता ने कहा, “बेरोजगारी के इस दौर में युवा सेना से जुड़ें। यह प्रतिस्पर्धा का समय है। ईद भी पास है, तो यह हमारे लिए दोहरी खुशी है।”
कुपवाड़ा से आए एक परिजन ने कहा, “हम अपने बेटे को परेड में देखकर बेहद गर्वित महसूस कर रहे हैं। यह पल कभी नहीं भूलेंगे।”

सेना में शामिल होने का सपना पूरा करने वाले 326 अग्निवीरों को सलाम!

यह आयोजन सिर्फ एक परेड नहीं, बल्कि देश सेवा के लिए समर्पित युवाओं के नए सफर की शुरुआत है। JAK LI की यह उपलब्धि ‘अग्निपथ योजना’ के तहत युवाओं को सेना से जोड़ने की दिशा में मजबूत कदम है।

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