
शुक्रवार को जम्मू कश्मीर में केंद्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने बड़े पैमाने पर सर्च ऑपरेशन चलाया. यह अभियान उन लोगों के खिलाफ था जो घाटी में तमाम तरह की आतंकी गतिवधियों को अंजाम देने के लिए विभिन्न प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों या कुख्यात आतंकी ऑउटफिट का सहारा लेते हैं. यह अभियान उन लोगों के खिलाफ था जो आतंकी गतिविधियों को यूटी के अल्पसंख्यकों और सुरक्षा बलों को लक्षित करके अंजाम देते हैं.
इसी लिहाज से NIA ने जम्मू कश्मीर में 14 अलग-अलग जगहों को सघन खोजी अभियान चलाया. जम्मू-कश्मीर के कुलगाम, पुलवामा, अनंतनाग, सोपोर और जम्मू जिलों में NIA ने सर्च ऑपरेशन को अंजाम दिया. इस सर्च ऑपरेशन को लेकर NIA ने अपने एक आधिकारिक बयान में कहा कि तलाशी वाले परिसरों से डिजिटल डिवाइस, सिम कार्ड और डिजिटल स्टोरेज डिवाइस जैसी विभिन्न आपत्तिजनक सामग्री जब्त की गई है.
केंद्रीय जांच एजेंसी ने कहा कि यह मामला आतंकवादी और परोक्ष तरीके से सामाजिक मूल्यों के विनष्टीकरण गतिविधियों को अंजाम देने के लिए आपराधिक साजिश से संबंधित है. यह तलाशी अभियान विभिन्न प्रतिबंधित संगठनों, उनके सहयोगियों और ऑफ-शूट के कैडरों एवं ओवर ग्राउंड वर्कर्स (OWG) के खिलाफ चलाया गया जो अपने पाकिस्तानी कमांडरों और संचालकों की शह पर विभिन्न छद्म नामों के तहत काम कर रहे हैं.
NIA ने कहा, “OWG’s और आतंकवादियों के ऑफ-शूट के कैडर जम्मू-कश्मीर में साइबर स्पेस का इस्तेमाल कर आतंकवादी हमले करने, अल्पसंख्यकों, सुरक्षाकर्मियों को निशाना बनाने और सांप्रदायिक वैमनस्य फैलाने में शामिल हैं.” NIA की जम्मू शाखा ने इस साल 21 जून को स्वत: संज्ञान लेते हुए इस संबंध में मामला दर्ज किया था. NIA की ये छापेमारी अल्पसंख्यक समुदायों को निशाना बनाने वाले आतंकी संगठनों के खिलाफ उसके ऑपरेशन का हिस्सा है. ऐसा इसलिए भी है क्योंकि आतंकवाद को लेकर भारत सरकार जीरो टॉलरेंस की नीति रखती है.









