जापान ने भारत में निजी निवेश के लक्ष्य को बढ़ाने की योजना बनाई

जो जापान को भारत में पर्यावरण तकनीकों के जरिए कम किए गए कार्बन उत्सर्जन को अपनी कटौती में शामिल करने की अनुमति देगा।

निजी निवेश का लक्ष्य 10 ट्रिलियन येन तक बढ़ाया जाएगा
जापान सरकार अगले 10 वर्षों में भारत में निजी क्षेत्र के निवेश के अपने लक्ष्य को 10 ट्रिलियन येन (लगभग $68 बिलियन) तक बढ़ाने की योजना बना रही है, एक सूत्र के अनुसार। वर्तमान में जापान का लक्ष्य पांच वर्षों में 5 ट्रिलियन येन निवेश करने का था, जिसे मार्च 2022 में तत्कालीन प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने भारत यात्रा के दौरान घोषित किया था। जापानी कंपनियां हर वित्तीय वर्ष में औसतन लगभग 1 ट्रिलियन येन का निवेश कर रही हैं।

प्रधानमंत्रियों की बैठक में लक्ष्य की पुष्टि
प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 29 अगस्त को टोक्यो में आयोजित बैठक में नए निवेश लक्ष्य की पुष्टि करेंगे। मोदी की जापान यात्रा 29 अगस्त से 31 अगस्त तक निर्धारित है।

आर्थिक सुरक्षा पहल और सहयोग क्षेत्र
दोनों सरकारें एक नई Economic Security Initiative शुरू करने की योजना बना रही हैं, जो आर्थिक सुरक्षा चुनौतियों जैसे महत्वपूर्ण सामग्रियों की स्थिर आपूर्ति और मुख्य अवसंरचना की सुरक्षा पर केंद्रित होगी। यह पहल प्रमुख क्षेत्रों जैसे सेमीकंडक्टर, महत्वपूर्ण खनिज, दूरसंचार, क्लीन एनर्जी, फार्मास्यूटिकल्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में प्राथमिकता देगी।

इसके तहत AI Cooperation Initiative भी स्थापित किया जाएगा ताकि AI तकनीक और स्टार्टअप्स में सहयोग को बढ़ावा मिल सके। साथ ही, Digital Partnership 2.0 परियोजना विकसित की जाएगी, जो आर्थिक सहयोग को निर्माण क्षेत्र से आगे बढ़ाकर उभरते तकनीकी क्षेत्रों तक फैलाएगी।

स्वच्छ ऊर्जा सहयोग और जलवायु पहल
स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्र में, जापान और भारत Joint Statement on Energy Dialogue जारी करेंगे, जिसका उद्देश्य डीकार्बोनाइजेशन, आर्थिक विकास और ऊर्जा सुरक्षा को एक साथ बढ़ावा देना है। इसके अलावा, Joint Crediting Mechanism पेश किया जाएगा, जो जापान को भारत में पर्यावरण तकनीकों के जरिए कम किए गए कार्बन उत्सर्जन को अपनी कटौती में शामिल करने की अनुमति देगा।

लोगों के आदान-प्रदान और हाई-स्पीड रेल परियोजना
सरकार भारत के साथ लोगों के आदान-प्रदान को बढ़ाने के लिए लक्ष्य निर्धारित करने पर विचार कर रही है, जिसमें अगले पांच वर्षों में 500,000 से अधिक लोगों का आवागमन और 50,000 भारतीय नागरिकों को जापान में स्वीकार करना शामिल है। इसके अलावा, भारत की पहली हाई-स्पीड रेल परियोजना में जापान की शिंकान्सेन तकनीक आधारित E10 सीरीज बुलेट ट्रेन का परिचय दिया जाएगा।

व्यापार समझौते और सुरक्षा सहयोग
मोदी की यात्रा के दौरान जापानी और भारतीय कंपनियों द्वारा 100 से अधिक समझौतों पर हस्ताक्षर किए जाने की उम्मीद है। इसके साथ ही, Joint Declaration on Security Cooperation को संशोधित किया जाएगा, जो 2008 से लागू है। इसमें दोनों देशों की विदेश, रक्षा और समुद्री सुरक्षा संस्थाओं के बीच सहयोग शामिल है। इशिबा और मोदी की योजना है कि जल्द ही विदेश और रक्षा मंत्रियों की बैठक आयोजित की जाए।

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