Desk : आज एमपीएमएलए कोर्ट ने जौनपुर के इतिहास में कोर्ट ने इस तरह का बड़ा फैसला पहली बार सुनाया है. बहुचर्चित शाहगंज जीआरपी अजय सिंह सिपाही हत्याकांड में पूर्व सांसद उमाकांत यादव समेत 7 लोग को एमपी एमएलए कोर्ट ने आजीवन कारावास और 5 लाख रुपये जुर्माना लगाया है. साथ ही हत्या के प्रयास के मामले में सभी को 10 वर्ष की सश्रम सज़ा सुनाई है. यह फैसला शरद कुमार त्रिपाठी एडीजी थर्ड/विशेष न्यायाधीश एमपी एम एल ए कोर्ट ने सुनाया है.
आपको बता दें कि आज दीवानी के एमपी एमएलए कोर्ट ने आज एक बड़ा फैसला सुनाया जिसमे अजय सिंह जीआरपी सिपाही अजय सिंह के मामले में पूर्व सांसद उमाकान्त यादव सहित 7 को आजीवन कारावास व 5 लाख रुपये का जुर्माना सुनाया है. वही जुर्माने की राशि मे आधी धनराशि मृतक परिवार के परिजनों को अन्य 50-50 हजार रुपये इस घटना में घायलो को देने का फैसला सुनाया है. पूरा मामला 4 फरवरी 1995 का है. दरअसल उस दिन शाहगंज रेलवे स्टेशन गोलियों की तड़तड़ाहट से गूंज उठा था, इस गोलीबारी में शाहगंज जीआरपी चौकी पर का सिपाही अजय सिंह मारे गए थे, दूसरा सिपाही ललन सिंह, रेलवे कर्मचारी निर्मल वडर्सन और यात्री भरत लाल जख्मी हो गए थे. इसके कत्ल का इल्जाम पूर्व सांसद उमाकांत यादव समेत 7 लोगों पर लगा था. करीब 27 साल चले इस जघन्य हत्याकांड के मुकदमे शनिवार को न्यायालय सभी आरोपियों को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास और 5 लाख रुपये जुर्माना लगाया है तथा हत्या के प्रयास में 10 वर्ष की सश्रम कारावास की सजा सुनाई है.
सीबीआईडी के अभियोजन अधिकारी मृत्युंज सिंह ने बताया कि इस मुकदमे में कुल 19 लोगो ने गवाही दी है. इन आरोपियों के कब्जे से हत्या में प्रयोग की कार्बाइन समेत अन्य हथियार बरामद हुआ था, कोर्ट ने आज सभी को इस मर्डर केश में दोषी पाया है ,सजा 8 अगस्त को सुनाई जाएगी. मुकदमे की पैरवी शासकीय अधिवक्ता बहादुर पाल ने की.