
RLD प्रमुख जयंत चौधरी ने सोशल नेटवर्क साइट ट्विटर पर अपना नाम बदल लिया। इस की जानकारी उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट पर ट्वीट कर दी। ट्विटर पर जयंत चौधरी का नाम पहले जयंत सिंह था। अब उनका नाम बदलकर उन्होंने जयंत सिंह बिश्नोई कर दिया है।इसकी वजह जयंत चौधरी ने खुद ट्वीट कर नाम बदलने की जानकारी ट्विटर पर साझा की है। उन्होंने लिखा, “क्या आप जानते हैं, चौधरी अजीत सिंह की इच्छा के अनुसार मेरे नाम में कुमार भी हैं?
मां की यादों में बदला नाम
मां की याद में और शांतिप्रिय बिश्नोई समुदाय के सम्मान में, मैंने जून महीने के लिए ट्विटर पर अपना नाम जोड़ा है। वहां बंटवारे पर आधारित चर्चा है, कुछ लोगों की नजरों से पर्दा उठ सकता है।”
जयंत चौधरी ने ट्विटर पर एक पोस्ट कर नाम बदलने की जानकारी दी। इस पोस्ट में उन्होंने अपनी प्रोफाइल का स्क्रीनशॉट शेयर किया है। साथ ही इसके कैप्शन में उन्होंने लिखा, क्या आप जानते हैं, चौधरी अजीत सिंह जी की इच्छा के अनुसार मेरे नाम पर कुमार भी हैं? माताजी की याद में और शांतिप्रिय बिश्नोई समाज के सम्मान में ट्विटर पर जून माह का नाम जोड़ा गया है. ऐसे समय में जब धर्म और जाति के आधार पर विभाजन की चर्चा हो रही है, कुछ की आँखों से पर्दा उठ सकता है!
बता दें कि रालोद प्रमुख जयंत चौधरी राज्यसभा सांसद बन गए हैं। उन्हें यूपी से समाजवादी पार्टी और रालोद गठबंधन का संयुक्त उम्मीदवार बनाया गया था। लेकिन नामांकन खत्म होने के बाद 11 सीटों के लिए सिर्फ 11 नामांकन हुए. ऐसे में सभी उम्मीदवारों को राज्यसभा सदस्य बनाने का निर्णय लिया गया। वहीं, जयंत के पिता चौधरी अजीत सिंह वाजपेयी सरकार में दो साल तक कृषि मंत्री रहे थे और 2011 में पूर्व पीएम मनमोहन के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार में नागरिक उड्डयन मंत्री थे। उनका पिछले साल 6 मई को निधन हो गया था।
एक महीने के लिए किया बदलाव
जयंत चौधरी ने ट्विटर के माध्यम से लोगों को एक दूसरे के धर्म का सम्मान करने का संदेश दिया है। साथ ही आपसी भाईचारे तथा भारत की सभ्यता और संस्कृति के प्रति लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया है। बागपत जनपद से राष्ट्रीय लोक दल के पूर्व जिला अध्यक्ष डॉ. जसपाल तेवतिया ने इस संबंध में कहा कि उन्होंने वर्तमान में विभिन्न धर्मों को लेकर फैलाई जा रही नफरत को खत्म करने और आपसी भाईचारे का संदेश दिया है। बता कि जयंत की मां राधिका सिंह का ताल्लुक बिश्नोई समाज से है। इसलिए उन्होंने यह टाइटल बदलने का फैसला लिया है।