
Uttar Pradesh: सोचिए, अगर किसी से कहा जाए कि तुम व्रत नहीं रख सकते, इसलिए तुम्हारा जीवन बेकार है, तो क्या यह सही होगा? बिल्कुल नहीं! लेकिन झांसी में जो हुआ, उसने इस सवाल को हकीकत में बदल दिया। एक महिला ने सिर्फ इसलिए जहर खा लिया क्योंकि मासिक धर्म की वजह से वह नवरात्रि का व्रत और पूजा नहीं कर पाई। क्या धार्मिक आस्था इतनी कठोर हो सकती है कि वह किसी को अपनी जान लेने पर मजबूर कर दे? यह सिर्फ एक आत्महत्या नहीं है, यह हमारे समाज की उस सोच का आईना है, जहां परंपराएं इंसान की खुशियों और मानसिक शांति से बड़ी बना दी जाती हैं। आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला…..
क्या है पूरा मामला?
कोतवाली थाना क्षेत्र के गोला कुआं इलाके की रहने वाली एक महिला हर साल नवरात्रि के दौरान व्रत रखती थी और पूरे श्रद्धा भाव से माता की पूजा-अर्चना करती थी। इस बार भी वह व्रत रखना चाहती थी, लेकिन मासिक धर्म आने की वजह से वह व्रत और पूजा नहीं कर पाई। इस बात से वह इतनी दुखी हो गई कि उसने जहरीला पदार्थ खा लिया। जब उसकी हालत बिगड़ने लगी तो परिवारवालों ने तुरंत उसे अस्पताल पहुंचाया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
इस घटना के बाद परिजन सदमे में हैं। किसी को यकीन नहीं हो रहा कि केवल व्रत न रख पाने की वजह से कोई ऐसा कदम उठा सकता है। महिला की मानसिक स्थिति को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं कि आखिर ऐसा क्या हुआ कि वह इतनी आहत हो गई कि उसने आत्महत्या जैसा बड़ा कदम उठा लिया।
परिवारवालों के अनुसार, महिला धार्मिक प्रवृत्ति की थी और हर साल पूरी श्रद्धा से नवरात्रि के व्रत रखती थी। जब उसे पता चला कि मासिक धर्म की वजह से वह इस बार पूजा और व्रत नहीं कर पाएगी, तो वह बहुत दुखी और परेशान रहने लगी।
शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया। पुलिस इस मामले की गहराई से जांच कर रही है कि महिला की मानसिक स्थिति कैसी थी और कहीं उसे इस धार्मिक दबाव के कारण अवसाद (डिप्रेशन) का शिकार तो नहीं होना पड़ा।
इंसानियत से ज्यादा परंपराओं का महत्व
ऐसे में एक बड़ा सवाल उठता हैं कि क्या हमें सच में इस हद तक धर्म के नाम पर खुद को सजा देना चाहिए? क्या हम यह भूल गए हैं कि आस्था का असली मतलब जीवन को बेहतर बनाना है, न कि किसी को दुख और तनाव में डालना? यह घटना एक सवाल है उस सोच से, जो इंसानियत से ज्यादा परंपराओं को महत्व देती है।