जीवाजी विश्वविद्यालय ग्वालियर बरसात के पानी को करेगा संरक्षित, तैयारियां शुरू

जीवाजी विश्वविद्यालय लगातार विवि के अकादमिक, शोध व इंफ़्रा स्टेक्चर के विकास के लिए हमेशा प्रयासरत रहता है. विश्वविद्यालय अब पर्यावरण व जल सरक्षण के लिए कार्य कर रहा है. इसी योजना के तहत विवि अब बरसात के पानी को सहेजने के लिए वाटर हार्वेस्टिंग के लिए कार्य कर रहा है. विवि के यंत्री विभाग ने कुलपति प्रो. अविनाश तिवारी के निर्देश पर मल्टीआर्ट कॉमलेक्स परिसर मैं एक बीस फिट गहरा और 30x15 फिट का गड्डा खुदवाकर बरसात के व्यर्थ बहने वाले पानी को रोकने की तैयारी शुरू कर दी है.

ग्वालियर- जीवाजी विश्वविद्यालय लगातार विवि के अकादमिक, शोध व इंफ़्रा स्टेक्चर के विकास के लिए हमेशा प्रयासरत रहता है. विश्वविद्यालय अब पर्यावरण व जल सरक्षण के लिए कार्य कर रहा है. इसी योजना के तहत विवि अब बरसात के पानी को सहेजने के लिए वाटर हार्वेस्टिंग के लिए कार्य कर रहा है. विवि के यंत्री विभाग ने कुलपति प्रो. अविनाश तिवारी के निर्देश पर मल्टीआर्ट कॉमलेक्स परिसर मैं एक बीस फिट गहरा और 30×15 फिट का गड्डा खुदवाकर बरसात के व्यर्थ बहने वाले पानी को रोकने की तैयारी शुरू कर दी है.

इस योजना से जहां एक ओर वाटर हार्वेस्टिंग होगी वहीं राजमाता चौराहे पर बरसात में भरने वाले पानी से भी निजात मिलेगी. उल्लेखनीय है कि बरसात में महलगांव क्षेत्र, विवि कर्मचारी आवासों से बहुत पानी आता है, जो राजमाता चौराहे पर भर जाता है. जिससे आवागमन में भारी परेशानी होती है. विवि के इस भागीरथी प्रयास से बरसात का पानी भी सरक्षित होगा और समस्या से निजात भी मिलेगी.

इस को लेकर विवि ने प्रशासनिक भवन के सामने भी एक बीस वाई बीस का गड्डा खुदवाया है. इससे अनुपम नगर रोड की तरफ से आने वाले बरसाती पानी को सरक्षित किया जाएगा. उक्त स्थान ढाल पर होने से रोड पर भरने वाला पानी इसमें स्टोर होगा. जो जमीन के वाटर लेवल को बढ़ाएगा और रोड पर भरने वाले पानी से भी निजात मिलेगी. साथ ही बरसाती पानी व्यर्थ नहीं जाएगा.

इस कार्य के लिए कुलपति प्रो. तिवारी वाटर हार्वेस्टिंग के विशेषज्ञों से परामर्श ले रहे हैं, कार्य को वैज्ञानिक तरीके से किया जा रहा है. प्रो. अविनाश तिवारी, कुलपति का कहना है कि विवि अध्ययन अध्यापन व शोध के साथ साथ पर्यावरण, जल संरक्षण के लिए निरंतर प्रयासरत है. हम आने वाली पीढ़ी को क्या देकर जाएंगे, यह प्रयास उसी दिशा में है. वहीं जीवाजी के पीआरओ डॉ. विमलेन्द्र सिंह राठौड़ का कहना है कि बरसात से पूर्व ये कार्य पूर्ण कर लिए जाएंगे. जल सरक्षण व पर्यावरण के लिए विवि हमेशा आगे रहा है.

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