रेलवे में नौकरी से पेपर लीक माफिया तक का सफर…राजभर के विधायक बेदीराम पर कई राज्यों में मुकदमें

करीब 10 साल पहले रेलवे की भर्ती परीक्षा का पेपर लीक कराने में उनका सामने आने के बाद उन्हें बर्खास्त कर दिया गया था.

लखनऊ- प्रदेश में पेपर लीक मामले ने तूल पकड़ लिया है. पेपर लीक मामले को लेकर लगातार पक्ष और विपक्ष के बीच में जुबानी घमासान दिखाई दे रहा है.पेपर लीक विवाद पर सुभासपा अध्यक्ष ओपी राजभर भी घिरते हुए दिखाई दे रहे है.

वहीं पेपर लीक होने पर सुभासपा MLA बेदीराम पर एक के बाद एक बड़े खुलासे हो रहे है. पेपर लीक माफिया व राजभर के विधायक बेदीराम के खिलाफ 3 राज्यों में मुकदमे है. सबसे बड़ी बात ये है कि पेपर लीक में बेदीराम का नाम 24 साल से जुड़ रहा है.

यूपी से सुभासपा विधायक बेदी राम का पेपर लीक मामलों में 24 साल से नाम सामने आ रहा है.उनके खिलाफ यूपी ही नहीं, मध्य प्रदेश और राजस्थान में भी मुकदमे दर्ज हैं.

रेलवे में नौकरी की, वहीं का पेपर लीक कराया

बेदीराम रेलवे में TTE थे करीब 10 साल पहले रेलवे की भर्ती परीक्षा का पेपर लीक कराने में उनका सामने आने के बाद उन्हें बर्खास्त कर दिया गया था. रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड की 2006 की समूह ‘ग’ की भर्ती परीक्षा, 2008 में लोको पायलट की परीक्षा, 2009 में भोपाल और जयपुर में रेलवे की परीक्षा में प्रश्नपत्र लीक कराने में बेदीराम को गिरफ्तार भी किया गया था.विधायक बेदीराम का पहली बार पेपर लीक में नाम साल 2000 में सामने आया था.इसके बाद 2009 में उन्हें गिरफ्तार किया गया. फिर छत्तीसगढ़ CPMT परीक्षा (2012) के मामले में वह जेल गए थे.

इस परीक्षा का पर्चा लीक कराने में CBI ने गिरफ्तार कर उन्हें दिल्ली की तिहाड़ जेल भेजा था.मई 2014 में मध्य प्रदेश में आयुर्वेद मेडिकल परीक्षा होनी थी. इसका पेपर लीक हो गया और परीक्षा रद्द करनी पड़ी.इसके बाद अभ्यर्थियों ने बेदी राम का नाम लिया था.2013 में मध्यप्रदेश PCS में दो पेपर लीक हुए थे इसके चलते 30 जुलाई को होने वाला इंटरव्यू रोक दिया गया था.साल 2006 से अब तक बेदी राम के 56 सहयोगियों के नाम पुलिस चार्जशीट में सामने आ चुके हैं.

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