
कानपुर की सीसामऊ सीट के पूर्व समाजवादी पार्टी (सपा) विधायक इरफान सोलंकी और उनके भाई रिजवान सोलंकी को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। दोनों भाइयों की जमानत अर्जी को कोर्ट ने मंजूर कर लिया है। दोनों पर रंगदारी मांगने का आरोप है और वे पिछले दो साल से जेल में बंद थे।
जमानत अर्जी पर हाईकोर्ट ने लिया फैसला
जमानत अर्जी पर लंबी बहस के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखा था। अब जस्टिस राजबीर सिंह की सिंगल बेंच ने इरफान सोलंकी और रिजवान सोलंकी की जमानत अर्जी को मंजूर कर लिया है।
गुंडा टैक्स व जान से मारने की धमकी का आरोप
कानपुर के जाजमऊ थाने में दोनों के खिलाफ एफआईआर दर्ज है, जिसमें गुंडा टैक्स वसूलने और जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाया गया है। हालांकि, जमानत मंजूर होने के बावजूद, दोनों भाई अभी जेल से बाहर नहीं आ सकेंगे, क्योंकि उनके खिलाफ गैंगस्टर के मामले में भी जांच चल रही है।
गैंगस्टर और फर्जी आधार कार्ड के मामले में भी जमानत पेंडिंग
इरफान सोलंकी के खिलाफ गैंगस्टर मामले के साथ-साथ फर्जी आधार कार्ड का इस्तेमाल कर यात्रा करने का भी मामला दर्ज है। इन मामलों में भी दोनों की जमानत अर्जी पेंडिंग है।
वकील ने रखे पक्ष
इरफान और रिजवान सोलंकी की तरफ से उनके वकील इमरान उल्लाह और विनीत विक्रम ने अदालत में अपना पक्ष रखा। वहीं, सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने बहस पूरी की थी।
अभी तक नहीं मिली गैंगस्टर के मुकदमे में जमानत
जमानत अर्जी मंजूर होने के बावजूद इरफान सोलंकी और रिजवान सोलंकी के खिलाफ चल रहे गैंगस्टर के मुकदमे में उन्हें जमानत मिलने तक वे जेल में ही रहेंगे।
यह केस कानपुर और राज्य की राजनीति में महत्वपूर्ण मोड़ पर है, जहां एक पूर्व विधायक और उनके भाई के खिलाफ संगीन आरोपों का सामना हो रहा है।