
यूपी पुलिस के कारनामे तो किसी से भी नहीं छुपे। आये दिन कोई न कोई विवाद इनको सुर्ख़ियों में बनाए रखता है। इस बीच एक बार फिर यूपी की पुलिस चर्चा में आ गई है। खबर कानपूर पुलिस से जुड़ा हुआ है। जहां बढ़ते अपराधों को रोक न पाने से बौखलाई कानपुर पुलिस ने भारत समाचार के रिपोर्टर अवनीश दीक्षित को फर्जी और मनगढ़ंत केस करके गिरफ्तार कर लिया है।
सत्तारूढ़ दल के नेताओं से मिलीभगत और उनसे गाली खाने वाली कानपुर पुलिस अब पत्रकारों को टारगेट कर रही है।

मिली जानकारी के अनुसार जिस मामले में अवनीश दीक्षित को गिरफ्तार किया गया वो उसकी कवरेज में गए थे। पुलिस ने ऐसा केस रचा और मुकदमा लिखा की दीक्षित जमीन कब्जा कर रहे हैं। न कोई सबूत और मौके पर कोई इसकी गवाही लेकिन देर रात गिरफ्तार कर लिया गया। एक मुकदमा लेखपाल से लिखवाया गया लेकिन उसमें कोई खास अपराधिक मामला बनता नही दिखा तो एक पक्ष से जबरन तहरीर लेकर दूसरा मुकदमा डकैती आदि का लिख दिया। मुकदमे में दर्जनों लोगों पर केस लेकिन गिरफ्तारी अकेले अवनीश दीक्षित की गई।
बता दें कि अवनीश दीक्षित कानपुर प्रेस क्लब के अध्यक्ष रह चुके हैं और लंबे समय से पत्रकारिता के जगत में सक्रिय हैं। ऐसे में उनकी गिरफ्तारी से पत्रकारों में आक्रोश का माहौल है। इस मामले की पत्रकार संगठनों ने निंदा भी की है।









