पत्नि ने की पति से हर महीने 6 लाख रुपए मेंटनेंस की डिमांड, जज साहिबा ने दिया महिला को अनोखा जवाब…..

आपके पास परिवार की कोई और जिम्मेदारी नहीं है. आपको बच्चों की देखभाल करने की जरूरत नहीं है. आप इसे अपने लिए चाहती हैं…

High court on alimony: सोशल मीडिया पर आए दिन कोर्ट की सुनवाई का वीडियो वायरल होते रहता है. इस बीच एक कोर्ट की सुनवाई का एक वीडियो काफी तेजी से वायरल हो रहा है. वीडियों में महिला की भारी-भरकम डिमांड सुनकर मामले की सुनवाई कर रहीं जज साहिबा भी हैरान रह गईं. गुजारा भत्ते में मांगी गई हाईफाई रकम को सुनकर जज ने कहा- ‘अगली सुनवाई में सही आंकड़ों के साथ आइए. भला इतनी रकम कौन खर्च करता है’. इस पर महिला के वकील ने कहा कि उनकी क्लाइंट ब्रांडेड कपड़े पहनती हैं और इसके अलावा उन्होंने एक सांस में कई खर्च गिना डाले. भारी भरकम धनराशि की मांग कहां खर्च होगी यह सुनकर जज भड़क गईं.

गुजारा भत्ता के लिए 6 लाख 16 हजार रुपए महीना

  • घुटने के फिजियोथेरेपी के लिए 4-5 लाख महीना.
  • जूते-कपड़ों के लिए 15,000 हर महीने.
  • घर में खाने के लिए लिए हर महीना 60,000 रुपए महीना.
  • बाहर खाने के लिए अलग से पैसों की मांग इसमें शामिल है.

जज ने महिला की मंशा पर उठाए सवाल

पुरुषों को गलत तरीके से एक्सप्लाइंट करने वालों के लिए जज साहिबा ने अच्छा जवाब दिया। जज ने कहा कि अगर वह इतना पैसा खर्च करना चाहती है तो वह कमा सकती है. ‘कृपया कोर्ट को यह न बताएं कि एक व्यक्ति को बस इतना ही चाहिए. 6,16,300 रुपए प्रति माह. क्या कोई इतना खर्च करता है? एक अकेली महिला अपने लिए.’ इसके बाद जज ने आगे कहा कि अगर वह खर्च करना चाहती है तो कमाए…आपके पास परिवार की कोई और जिम्मेदारी नहीं है. आपको बच्चों की देखभाल करने की जरूरत नहीं है. आप इसे अपने लिए चाहती हैं… आपको संवेदनशील होना चाहिए.’ जज ने महिला के वकील से भी कहा कि वह उचित राशि की मांग करें नहीं तो उनकी याचिका खारिज कर दी जाएगी.

क्या था मामला?

राधा मुनुकुंतला नामक महिला द्वारा खर्च का ब्यौरा दाखिल न करने के मामले पर 20 अगस्त को सुनवाई हो रही थी. 30 सितंबर, 2023 को बेंगलुरु के पारिवारिक न्यायालय के अतिरिक्त प्रधान न्यायाधीश ने उसे उसके पति एम नरसिम्हा से 50,000 रुपये मासिक भरण-पोषण राशि दिलाने का आदेश दिया. उसने अंतरिम भरण-पोषण राशि में वृद्धि का अनुरोध करते हुए उच्च न्यायालय का रुख किया.

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